तेलंगाना में टीआरएस विधायकों की 'खरीद-फरोख्त' करने के कथित प्रयासों को लेकर जांच टीम ने बीजेपी नेता बीएल संतोष को तलब किया है. इस मामले में टीआरएस के विधायक पायलट रोहित रेड्डी की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था. पुलिस एफआईआर (FIR) में कहा गया था कि दिल्ली के रहने वाले रामचंद्र भारती उर्फ सतीश शर्मा और हैदराबाद निवासी नंद कुमार दोनों बीजेपी (BJP) से जुड़े हुए हैं. इन दोनों पर आरोप है कि वे टीआरएस विधायकों से मिले और पार्टी से इस्तीफा देकर अगले चुनाव में बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ने का ऑफर दिया. ऐसा करने के लिए उन्हें 100 करोड़ रुपये की पेशकश की गई.
तेलंगाना उच्च न्यायालय ने भी निचली अदालत के एक फैसले को खारिज करते हुए तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त के मामले में आरोपियों को आत्मसमर्पण करने को कहा था. स्थानीय अदालत ने टीआरएस के चार विधायकों को दल-बदल के लिए मनाने के आरोप में साइबराबाद पुलिस द्वारा गिरफ्तार तीन लोगों को पुलिस हिरासत में देने से इनकार कर दिया था. सरकार ने निचली अदालत के फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी.
अपनी पार्टी के विधायकों की 'खरीद-फरोख्त' को लेकर तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने भी बीजेपी पर निशाना साधा था. उन्होंने दावा किया था कि उनकी पार्टी के चार विधायकों को दिल्ली के ब्रोकरों ने खरीदने की कोशिश की. लेकिन हमें कोई तोड़ नहीं सकता. दिल्ली के कुछ ब्रोकरों ने तेलंगाना के आत्मसम्मान को चुनौती दी थी. उन्होंने हमारे चार विधायकों को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत देने की पेशकश की थी.
उन्होंने कहा कि मैं इसलिए ये कह रहा हूं, क्योंकि मेरे विधायकों ने इस प्रयास के खिलाफ आवाज उठाई. मैं आपको साफ कर देना चाहता हूं कि वो सिर्फ तेलंगाना को हड़पना चाहते हैं. मैंने किसानों से कहा है कि, जब हम वोट करें तो हमें सतर्क और सावधान रहना है. हमें बताना है कि हमें कोई रिश्वत देकर बहला-फुसला नहीं सकता है.
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