![टीडीपी मॉनसून सत्र में मोदी सरकार के खिलाफ लाएगी अविश्वास प्रस्ताव टीडीपी मॉनसून सत्र में मोदी सरकार के खिलाफ लाएगी अविश्वास प्रस्ताव](https://c.ndtvimg.com//8wd4mf0rdmr_chandrababu-naidu-_625x300.jpg?downsize=773:435)
चंद्रबाबू नायडू.
नई दिल्ली:
बजट सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा और मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखने के बाद अब टीडीपी ने 18 जुलाई से शुरू हो रहे मॉनसून सत्र में भी मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया है. बजट सत्र में ये प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया गया था.
विजयवाड़ा में चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता में हुई टीडीपी संसदीय दल की बैठक में ये फैसला लिया गया. टीडीपी नेताओं का आरोप है कि मोदी सरकार ने आंध प्रदेश के विभाजन के दौरान जो वादे किए वो पिछले चार साल में पूरे नहीं किए...और अब वो मानसून सत्र में दूसरे विपक्षी दलों के साथ मिलकर सरकार के खिलाफ मुहिम छेड़ेंगे.
जाहिर है...मानसून सत्र से पहले अविश्वास प्रस्ताव लाने के सवाल पर विपक्षी खेमे में सुगबुगाहट तेज़ हो गई है. कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने एनडीटीवी से कहा, "अविश्वास प्रस्ताव पर मानसून सत्र से पहले होने वाली सर्वदलीय बैठक में चर्चा होगी. अविश्वास प्रस्ताव पर आगे बढ़ने के लिए और भी विपक्षी दलों के समर्थन की ज़रूरत होगी. हम चाहते है कि विपक्ष साझा रणनीति बनाएं."
फिलहाल अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस संसदीय दल इस मुद्दे पर पार्टी की रणनीति तय करेगी. उधर एनसीपी और लेफ्ट ने संकेत दिया है कि प्रमुख विपक्षी दलों में अगर सहमति बनती है तो वे अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेंगे. एनसीपी नेता तारिक अनवर ने एनडीटीवी से कहा, "अगर मानसून सत्र के दौरान प्रमुख विपक्षी दलों में अविश्वास प्रस्ताव के सवाल पर आम सहमति बनती है तो एनसीपी उसका समर्थन कर सकती है".
सीपीएम नेता तपन सेन ने भी कहा कि विपक्ष की तरफ से प्रमुख दलों में आम राय बनान बेहद ज़रूरी होगा क्योंकि अविश्वास प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के लिए आंकड़े भी जुटाने होंगे. साफ़ है लोकसभा चुनाव से पहले मॉनसून सत्र विपक्षी एकता की परीक्षा भी लेगा.
विजयवाड़ा में चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता में हुई टीडीपी संसदीय दल की बैठक में ये फैसला लिया गया. टीडीपी नेताओं का आरोप है कि मोदी सरकार ने आंध प्रदेश के विभाजन के दौरान जो वादे किए वो पिछले चार साल में पूरे नहीं किए...और अब वो मानसून सत्र में दूसरे विपक्षी दलों के साथ मिलकर सरकार के खिलाफ मुहिम छेड़ेंगे.
जाहिर है...मानसून सत्र से पहले अविश्वास प्रस्ताव लाने के सवाल पर विपक्षी खेमे में सुगबुगाहट तेज़ हो गई है. कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने एनडीटीवी से कहा, "अविश्वास प्रस्ताव पर मानसून सत्र से पहले होने वाली सर्वदलीय बैठक में चर्चा होगी. अविश्वास प्रस्ताव पर आगे बढ़ने के लिए और भी विपक्षी दलों के समर्थन की ज़रूरत होगी. हम चाहते है कि विपक्ष साझा रणनीति बनाएं."
फिलहाल अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस संसदीय दल इस मुद्दे पर पार्टी की रणनीति तय करेगी. उधर एनसीपी और लेफ्ट ने संकेत दिया है कि प्रमुख विपक्षी दलों में अगर सहमति बनती है तो वे अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेंगे. एनसीपी नेता तारिक अनवर ने एनडीटीवी से कहा, "अगर मानसून सत्र के दौरान प्रमुख विपक्षी दलों में अविश्वास प्रस्ताव के सवाल पर आम सहमति बनती है तो एनसीपी उसका समर्थन कर सकती है".
सीपीएम नेता तपन सेन ने भी कहा कि विपक्ष की तरफ से प्रमुख दलों में आम राय बनान बेहद ज़रूरी होगा क्योंकि अविश्वास प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के लिए आंकड़े भी जुटाने होंगे. साफ़ है लोकसभा चुनाव से पहले मॉनसून सत्र विपक्षी एकता की परीक्षा भी लेगा.