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तमिलनाडु में बीजेपी के 'सिंघम' का क्या हुआ, अन्नामलाई की दहाड़ कैसे पड़ गई फीकी?

तमिलनाडु में अन्नामलाई (Annamalai) ने जहां-जहां रैलियां कीं, वहां पर बेतहाशा भीड़ उमड़ी, लेकिन उसका क्या फायदा, जब वह कोई असर ही नहीं छोड़ सके.

तमिलनाडु में बीजेपी के 'सिंघम' का क्या हुआ, अन्नामलाई की दहाड़ कैसे पड़ गई फीकी?
तमिलनाडु में नहीं चला बीजेपी का तिलिस्म.
नई दिल्ली:

Tamilnadu Election Result: दक्षिण भारत के सबसे बड़े राज्य तमिलनाडु में लोकसभा की सबसे ज्यादा 39 सीटें हैं. सभी सीटों पर चुनाव के अब तक के नतीजों पर गौर किया जाए तो क्षेत्रीय दल डीएमके का दबदबा नजर आ रहा है.  बीजेपी के 'सिंघम' कहे जाने वाले अन्नामलाई (Annamalai) का तिलस्म फीका पड़ गया है. डीएमके-प्लस 37 सीटों पर तो वहीं AIADMK 1 और बीजेपी 1 सीट ही हासिल कर सकी है. डीएमके के गणपति राजकुमार पी आगे चल रहे हैं, जबकि बीजेपी के 'सिंघम' कहे जाने वाले अन्नामलाई पिछड़कर दूसरे नंबर पर हैं. AIADMK के सिंगई रामचंद्रन तीसरी पोजिशन पर हैं.

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गलत साबित हुई 'चाणक्य' की भविष्यवाणी?

तमिलनाडु में बीजेपी के 'चाणक्य' का तिलस्म फेल होता नजर आ रहा है. अन्नामलाई तो अपनी सीट कोयंबटूर तक बचा पाने की हालत में नहीं हैं. वह 17 हजार वोटों से पीछे चल रहे हैं. डीएमके बड़े मार्जिन से इस सीट से आगे है. ज्यादातर एग्जिट पोल्स में बीजेपी को तमिलनाडु में 1-3 सीटें मिलने का अनुमान जताया था. लेकिन 'चाणक्य' ने बीजेपी के लिए करिश्माई सीटों का ऐलान किया था. 'चाणक्य' एग्जिट पोल ने कहा था कि बीजेपी को दक्षिणी राज्य में 10 सीटें मिलने जा रही हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. चाणक्य के दावे के उलट बीजेपी सिर्फ 1 सीट ही अब तक जीत सकी है. इसके साथ ही अब अन्नामलाई के नेतृत्व पर भी अब सवाल उठने लगे हैं.

कोयंबटूर तक नहीं बचा पा रहे अन्नामलाई

इस चुनाव तमिलनाडु की कोयंबटूर सीट पर खूब चर्चा में रही. दक्षिण भारत के मेनचेस्टर में बीजेपी ने तेज तर्रार नेता अन्नामलाई को उतारा था, लेकिन वह इस सीट को हारते नजर आ रहे हैं. वह गणपत राजकुमार के सामने टिकते नहीं दिख रहे हैं. अन्नामलाई ने तमिल का किला बीजेपी को फतह कराने के लिए जी तोड़ मेहनत की. उन्होंने बीजेपी के लिए समर्थन जुटाने के लिए ताबड़तोड़ रैलियां, जनसभाएं और रोड शो किए. इतना ही नहीं 7 महीने लंबी पदयात्रा भी निकाली. इस दौरान उन्होंने 39 संसदीय क्षेत्रों और 234 विधानसभाओं में 1770 किमी की दूरी पाट ली. उन्होंने 100 से ज्यादा स्ट्रीट कैंपेन मीटिंग में लोगों से संवाद किया, लेकिन अब लग रहा है कि कुछ भी काम नहीं आया. बीजेपी के सिंघम की दहाड़ कमजोर सी हो गई. 

तमिलनाडु में बीजेपी का खाता तो खुला

अन्नामलाई ने जहां-जहां रैलियां कीं, वहां पर बेतहाशा भीड़ उमड़ी, लेकिन उसका क्या फायदा, जब वह कोई असर ही नहीं छोड़ सके. पिछले चुनाव में भी डीएमके ने 23 सीटों पर परचम लहराया था. कांग्रेस को 8, लेफ्ट को 2-2 और AIADMK, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और वीसीके को 1-1 सीट हासिल हुई थी. बीजेपी का खाता भी नहीं खुला था. लेकिन इस चुनाव बीजेपी 1 सीट जीतने में कामयाब रही है. 

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