तमिलनाडु में शराब बिक्री के मामले को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को शराब बेचने के तरीकों को ऑनलाइन या खुली बिक्री के माध्यम से शराब बेंचने की अनुमति दे दी है. साथ ही कोर्ट ने कहा कि अदालत के लिए ये विषय नहीं है कि शराब कैसे बेची जा सकती है. ये राज्य सरकारों को तय करना है. सुप्रीम कोर्ट ने TASMAC की दलील को स्वीकार करते हुए कहा कि केवल ऑनलाइन और घरेलू सेवाओं के माध्यम से शराब बेचने का निर्देश नहीं दिया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य को नियम बनाने की अनुमति दी जा सकती है.
पिछली सुनवाई में तमिलनाडु में शराब बिक्री के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई थी. राज्य में शराब दुकाने बंद करने के फैसले पर रोक लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. राज्य में ठेकों पर शराब बेचने के लिए तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है.
बता दें कि राज्य सरकार ने मद्रास हाईकोर्ट के आठ मई को जारी उस आदेश के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है जिसमें हाईकोर्ट ने कोरोना संकट के दौरान ठेकों के बाहर ग्राहकों में सामाजिक दूरी न बनाने को लेकर राज्य में शराब की दुकानें बंद करने का आदेश दिया था, लेकिन हाईकोर्ट ने शराब की ऑनलाइन बिक्री और होम डिलीवरी करने की बात कही थी. तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर कहा है कि राज्य सरकार लोगों में सामाजिक दूरी के नियम का पालन करना रही है और जो लोग ऐसा नहीं करते हैं पुलिस उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई कर रही है. साथ ही कहा है कि तमिलनाडु में शराब की बिक्री बंद करने से राज्य के बार्डर पर समस्या खड़ी हो सकती है कयोकिं पड़ोसी राज्यों में शराब की बिक्री खुली है, ऐसे में राज्य के लोग शराब लेने के लिए पड़ोसी राज्यों में जाएंगें और कोरोना के दौरान लोगों की आवाजाही और बढ़ जाएगी.
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