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तहव्वुर राणा को भारत में नहीं दी जाएगी फांसी? क्या कहती है अमेरिका के साथ हुई प्रत्यर्पण संधि

26/11 Mumbai Attack Accused Tahawwur Rana: भारत और अमेरिका के बीच 1997 में हुई प्रत्यर्पण संधि में इस बात की विस्तार से जानकारी दी गई है कि प्रत्यर्पण के बाद आरोपी के दोषी साबित होने पर क्या सजा दी जाएगी.

तहव्वुर राणा को भारत में नहीं दी जाएगी फांसी? क्या कहती है अमेरिका के साथ हुई प्रत्यर्पण संधि
नई दिल्ली:

Tahawwur Rana Extradition News In Hindi: मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकवादी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को गुरुवार को एक विशेष विमान से अमेरिका से भारत लाया जा रहा है. अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने प्रत्यर्पण से बचने की उसकी अंतिम कोशिश को खारिज कर दिया था. इसके बाद अमेरिकी अधिकारियों ने उसे भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया. भारत से राणा को हिरासत में लेने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और अन्य जांच एजेंसियों की एक टीम अमेरिका गई हुई थी. यह टीम उसे लेकर भारत लौट रही है.अमेरिका ने भारत के साथ 1997 में हुई प्रत्यर्पण संधि के तहत तहव्वुर राणा को भारत को सौंपा है.  

मुंबई पर आतंकी हमला

तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की खबर आने के साथ ही इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि उसे कौन सी सजा सुनाई जाएगी. राणा पर 26 नवंबर 2008 को मुंबई में कई जगह हुए हमलों की साजिश रचने का आरोप है. इस हमले को समुद्र के रास्ते पाकिस्तान से आए 10 आतंकवादियों ने अंजाम दिया था. इस हमले में 166 लोगों की मौत हुई थी. मरने वालों में छह अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे. इस हमले के समय सुरक्षा बलों ने अजमल कसाब नाम के एक आतंकी को जिंदा पकड़ा था. वहीं बाकी के नौ आतंकी सुरक्षा बलों की कार्रवाई में मारे गए थे. कसाब पर भारत में मुकदमा चलाया गया था. उसे फांसी की सजा सुनाई गई थी.कसाब को 21 नवंबर, 2012 को पुणे के यरवडा जेल में फांसी दे दी गई थी. 

भारत और अमेरिका के बीच हुई प्रत्यर्पण संधि के अनुच्छेद-आठ का पाठ.

26/11 Mumbai Attacks:भारत और अमेरिका के बीच हुई प्रत्यर्पण संधि के अनुच्छेद-आठ का पाठ.

भारत और अमेरिका का प्रत्यर्पण समझौता

अमेरिका के साथ हुए प्रत्यर्पण समझौते के तहत तहव्वुर राणा को भारत लाया जा रहा है. इस समझौते के अनुच्छेद-आठ की धारा-1 के मुताबिक जिस मामले में प्रत्यर्पण की मांग की जा रही है, अगर उसमें प्रत्यर्पण की मांग करने वाले देश में मौत की सजा का प्रावधान है और जिस देश से प्रत्यर्पित किया जाना है उसमें मौत की सजा का प्रावधान नहीं है तो प्रत्यर्पण की अपील खारिज की जा सकती है.  इसकी पैराग्राफ-1(बी) में कहा गया है कि प्रत्यर्पण की मांग करने वाले देश को यह आश्वासन देना होगा कि आरोपी को फांसी की सजा सुनाए जाने की दशा में, सजा पर अमल नहीं होगा. 

भारत और अमेरिका के बीच हुई प्रत्यर्पण संधि के अनुच्छेद-आठ का पाठ.

26/11 Mumbai Attacks:भारत और अमेरिका के बीच हुई प्रत्यर्पण संधि के अनुच्छेद-आठ का पाठ.

इस अनुच्छेद की धारा-2 में कहा गया है कि प्रत्यर्पण की मांग करने वाले देश को इस अनुच्छेद के पैराग्राफ-1(बी) के तहत आश्वासन देना होगा कि अगर उनकी कोर्ट की ओर से आरोपी को मौत की सजा दी जाती है तो उस पर अमल नहीं किया जाएगा. 

भारत और अमेरिका ने इस समझौते पर 25 जून 1997 को दस्तखत किए थे. इस पर भारत की ओर से तत्कालीन विदेश राज्यमंत्री सलीम इकबाल शेरवानी और अमेरिका की ओर से स्ट्रोब टालबोट ने दस्तखत किए थे. 

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