राष्ट्रीय राजधानी की तीस हजारी कोर्ट ने स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) केस में आरोपी विभव कुमार को मंगलवार को 3 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. दिल्ली पुलिस ने याचिका दाखिल कर राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल पर कथित हमले के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार की पांच दिन की हिरासत मांगी थी. बता दें, मालीवाल पर 13 मई को मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर कथित तौर पर हमला किया गया था.
दिल्ली पुलिस ने जमानत का किया विरोध
कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा कि विभव ने घटना का वीडियो बनाया है और उन्होंने कबूल किया है कि उसने अपना फोन फॉर्मेट किया है. पुलिस ने कहा कि हमें विभव के दूसरे फोन का पता करना है और ये भी जानना है कि क्या उसने घटना का वीडियो बनाया था या नहीं.
विभव के वकील ने किया बचाव
दिल्ली पुलिस के दावों का विरोध करते हुए विभव के वकील ने कहा कि जो सबूत क्रिएट किए जा रहे हैं, उसको लेकर हमारी चिंता है. सब कुछ 16 के बाद शुरू होता है. डीवीआर के साथ छेड़छाड़ की या नहीं की, वो आपके कब्जे में हैं. कोर्ट के पास रिकॉर्ड है डिलीटेड डाटा वापस आ सकता है. इसके लिए हिरासत की क्या जरजूरत है. पुलिस चाहती है कि विभव को हम कस्टडी मे रखेंगे जो चाहेंगे जबरन कहलवा लेंगे.
विभव के वकील ने कहा कि अगर फोन फॉर्मेट हुआ है तो इसका जिक्र एफआईआर में तो नहीं है. मोबाइल आपके कब्जे में है, उससे भी डिलीटेड डाटा आप वापस ला सकते हैं. एक आरोपी अपने खिलाफ सबूत क्यों बनाएगा. इस पर दिल्ली पुलिस ने पासवर्ड मांगा, जिस पर विभव के वकील ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 23 ने हमें प्राईवेसी का अधिकार दिया है. एक झूठ को साबित करने के लिए ये कस्टडी मांगी जा रही है.
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