उच्चतम न्यायालय ने प्रवचनकर्ता आसाराम के खिलाफ गुजरात के सूरत में दर्ज बलात्कार के मामले में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई से गुरुवार को इनकार कर दिया, लेकिन वह जोधपुर में दर्ज बलात्कार के एक अन्य मामले में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया।
न्यायमूर्ति तीरथ सिंह ठाकुर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने 76 वर्षीय विवादास्पद प्रवचनकर्ता से कहा कि जमानत के लिए उन्हें गुजरात उच्च न्यायालय जाना होगा। आसाराम पिछले साल सितंबर से जेल में बंद हैं।
हालांकि न्यायालय ने जोधपुर मामले में आसाराम की जमानत याचिका पर राजस्थान सरकार को नोटिस जारी किया। इस मामले में न्यायालय अगस्त में सुनवाई करेगा।
न्यायालय आसाराम के इस अनुरोध पर भी सुनवाई के लिए तैयार हो गया कि घटना वाले दिन कथित पीड़ित के नाबालिग नहीं होने के बारे में निचली अदालत में साक्ष्य पेश करने की अनुमति दी जाए।
आसाराम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376, 342, 506 और 509 के साथ ही यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) कानून की धारा 8 और किशोर न्याय कानून की धारा 23 तथा 26 के तहत मामला दर्ज है।
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