
प्रतीकात्मक फोटो.
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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने परियोजना को मंजूरी दी है
कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा
याचिका में कहा गया- बिना किसी पर्यावरण मंजूरी के शुरू हुआ प्रोजेक्ट
जस्टिस आरएफ नरीमन और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की बेंच ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. 15 नवंबर को मामले की अगली सुनवाई होगी.
इस परियोजना के तहत 12 हजार करोड़ से अधिक की लागत के साथ 900 किमी सड़कों का निर्माण किया जाना है. एनजीटी में ग्रीन दून और अन्य लोगों द्वारा इस परियोजना को चुनौती दी गई थी. याचिकाकर्ता के अनुसार परियोजना बिना किसी पर्यावरण मंजूरी के शुरू हुई है और उचित वन मंजूरी के बिना 25000 से अधिक पेड़ काटे गए हैं. इसके अलावा इससे पहाड़ों और गंगा की सहायक नदियों को व्यापक नुकसान होगा क्योंकि मलबे की डंपिंग के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है.
26 सितंबर को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने एक विशेषज्ञ समिति, जो परियोजना से संबंधित पर्यावरणीय मामलों की देखरेख करेगी, का गठन करते हुए प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने की मंजूरी दे दी थी.
NGT के फैसले के मुताबिक सात सदस्यीय समिति की अध्यक्षता केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के एक विशेष सचिव करेंगे. याचिकाकर्ताओं ने NGT के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
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