मुंबई के कैंपा कोला कंपाउंड के निवासियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने कंपाउंड में अवैध निर्माण ढहाने पर पहले ही 31 मई तक रोक लगा दी थी, उसके बाद कोर्ट ने यह भी कहा कि वह निवासियों को स्थायी राहत देने पर भी विचार कर सकता है। इस सिलसिले में अटॉर्नी जनरल जीई वाहनवती सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र सरकार का पक्ष रखेंगे। अगले मंगलवार को इस पर सुनवाई होगी।
जानकारी के मुताबिक, अटॉर्नी जनरल ने कहा है कि कैंपा कोला कंपाउंड में इतनी और जगह बाकी है कि एक नई इमारत वहां खड़ी की जा सकती है।
इधर, इससे पहले बीएमसी का एक दस्ता पुलिस बल की मौजदूगी में बुधवार को अवैध इमारतों को ढहाने के लिए कैंपा कोला परिसर में प्रवेश कर गया था।
स्थानीय लोगों ने मंगलवार को बीएमसी के दस्ते और पुलिस को आवासीय परिसर और पार्किंग के गेट के सहारे रोक दिया था।
बीएमसी और पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार शाम यहां के अवैध फ्लैट्स और परिसर की बिजली, पानी और गैस की आपूर्ति रोक दी थी।
वे हालांकि, आक्रामक तरीके से बुधवार सुबह वापस लौटे और बुलडोजर के सहारे मुख्य द्वारा को तोड़ते हुए परिसर में घुस आए। उनका विरोध कर रहे लोगों को हिरासत में लिया गया। इस दौरान यहां भारी भीड़ जमा हो गई थी।
कैंपा कोला परिसर में 102 अवैध इमारतें हैं, जिनमें 140 परिवार रहते हैं, इसके निवासियों का कहना है कि ढहाने की प्रक्रिया में वे बेघर हो जाएंगे।
इधर, राज्य सरकार ने इस मामले में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया, जबकि असल में कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) सहित सभी राजनीतिक पार्टियों ने स्थानीय लोगों के प्रति सहानुभूति जताई। स्थानीय लोग इस दौरान इस बात पर अडिग रहे कि उन्हें बिल्डर की गलती सजा मिल रही है, जिसने उन्हें धोखा दिया। कैंपा कोला में सात ऊंची इमारतें हैं जो लगभग तीन दशक पुरानी हैं।
बिल्डरों को इसमें सिर्फ पांच मंजिला इमारतें बनाने की इजाजत थी, उन्होंने इन इमारत पर कई मंजिलें खड़ी कर लीं। सभी अवैध मंजिलें और फ्लैट्स तोड़-फोड़ का संकट झेल रहे हैं।
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