विज्ञापन
This Article is From Oct 13, 2023

89 वर्षीय व्यक्ति के तलाक को मंजूरी देने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, 27 साल से चल रहा था केस

89 वर्षीय निर्मल सिंह पनेसर की साल 1963 में परमजीत कौर पनेसर से शादी हुई थी.

89 वर्षीय व्यक्ति के तलाक को मंजूरी देने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, 27 साल से चल रहा था केस
मामले को सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचने में दो दशक और लग गए
नई दिल्ली:

89 वर्षीय व्यक्ति ने 27 साल पहले अपनी पत्नी से अलग होने के लिए तलाक की याचिका कोर्ट में दाखिल की थी. सुप्रीम कोर्ट ने करीब छह दशक से उसके साथ रह रही पत्नी से तलाक को मंजूरी देने से इनकार कर दिया. भारत के अधिकत्तर हिस्सों में अभी भी तलाक को एक टैबू की तरह देखा जाता है. आज के वक्त 100 में से एक शादी में ही तलाक होता है. भारतीय समाज में तलाक को पारिवारिक और सामाजिक दबाव की वजह से टैबू माना जाता रहा है. 

89 वर्षीय निर्मल सिंह पनेसर की साल 1963 में परमजीत कौर पनेसर से शादी हुई थी. याचिका में उन्होंने कहा था कि साल 1984 में उनका रिश्ता पूरी तरह से टूट गया था. उस वक्त निर्मल सिंह को भारतीय वायु सेना ने चेन्नई में तैनात किया था, लेकिन उनकी पत्नी ने वहां उनके साथ जाने से मना कर दिया था.

निर्मल ने पहली बार 1996 में क्रूरता और परित्याग को आधार बनाते हुए तलाक के लिए आवेदन किया था, जिसे साल 2000 में एक जिला अदालत ने मंजूरी दे दी थी. इसके बाद उनकी पत्नी परमजीत ने इसके खिलाफ अपील की, जिसे उसी साल बाद में पलट दिया गया.

उनके मामले को सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचने में दो दशक और लग गए, जहां उनकी तलाक की याचिका को खारिज कर दिया गया.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, "विवाह को अभी भी भारतीय समाज में पति और पत्नी के बीच एक पवित्र, आध्यात्मिक और अमूल्य भावनात्मक जीवनभर का बंधन माना जाता है."

फैसले में कहा गया कि तलाक को मंजूरी देना परमजीत के साथ "अन्याय" होगा, जिन्होंने कोर्ट से कहा था कि वह तलाकशुदा होने के "कलंक" के साथ नहीं मरना चाहतीं.

उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने अपने "पवित्र रिश्ते" का सम्मान करने के लिए सभी प्रयास किए हैं और वह बुढ़ापे में अपने पति की देखभाल करने के लिए अभी भी तैयार हैं. दंपति के तीन बच्चे हैं.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com