हापुड़ लिंचिंग केस मामले में NDTV के खुलासे के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी गई थी.
नई दिल्ली:
हापुड़ मॉब लिंचिंग केस मामले में एनडीटीवी के खुलासे को संज्ञान में लेते हुये सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट ने आईजीपी मेरठ को 2 हफ्ते में प्रगति रिपोर्ट भी दाखिल करने को कहा है मामले की सुनवाई अब 28 अगस्त को होगी. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता और उसके परिवार को सुरक्षा देने के लिये भी कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने IG को कहा है कि वो याचिकाकर्ता के बयान मजिस्ट्रेट के पास दर्ज करान के लिये उचित कार्रवाई करें. NDTV इंडिया के स्टिंग आपरेशन के आधार पर हापुड में मॉब लिंचिंग के शिकार और अहम गवाह समयुद्दीन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. पीड़ित समयुद्दीन ने याचिका दायर कर मामले की कोर्ट की निगरानी में SIT से जांच कराने, आरोपियों की जमानत रद्द करनेतथा केस का ट्रायल उत्तर प्रदेश से बाहर करवाने की मांग की है.
NDTV EXCLUSIVE: हापुड़ मॉब लिंचिंग का आरोपी बोला, मरते कासिम को मैंने पानी नहीं दिया, क्योंकि उसने मरती गाय को पानी नहीं दिया
याचिकाकर्ता की मांग है कि इस मामले की जांच के लिए एसआइटी का गठन होना चाहिए और इस मामले की सुनवाई यूपी से बाहर होनी चाहिए. आपको बता दें कि इस मामले में NDTV इंडिया ने स्टिंग किया था, जिसमे पुलिस की जांच में कई खामियां नज़र आईं थी और खुद आरोपी ने गुनाह कबूला था. पुलिस एफआइआर में इसे रोड रेज का मामला बताया गया था जबकि स्टिंग के वीडियो सबूत में कुछ और ही मामला नजर आ रहा था. आरोप यह भी है कि स्थानीय पुलिस सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन्मादी भीड़ केस में जारी दिशा निर्देशों का पालन नहीं कर रही है. पुलिस एफआइआर को रोड रेज का मामला बना कर केस दर्ज कर रही है. पुलिस ने अभी तक उसका बयान तक दर्ज नहीं किया है. उनकी मांग है कि बयानों को मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज कराया जाए और साथ ही मामले में विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया जाए.
खबर का असर: NDTV के स्टिंग को सबूत की तरह पेश करेगी पुलिस
18 जून को हापुड़ में लोगों के एक समूह ने गौहत्या में शामिल होने के संदेह पर 64 वर्षीय समयुद्दीन और कासिम कुरैशी ने जमकर पिटाई की. इस घटना में दोनों गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। बाद में कासिम की मौत हो गई थी. कुछ दिन पहले एनडीटीवी की टीम हापुड़ के बजेड़ा खुर्द गांव में घटना के आरोपी आरोपी युद्धिष्ठिर सिंह सिंसोदिया से मिलने गई थी. सिसोदिया ने कोर्ट में बयान दिया है कि उसकी हमले में कोई भूमिका नहीं है और वह घटनास्थल पर भी मौजूद नहीं था. लेकिन उसने एनडीटीवी की टीम से बातचीत कहा कि उसने इस घटना में शामिल होने की बात जेल अधिकारियों को भी बताई थी. उसकी यह बात कैमरे में रिकॉर्ड कर ली गई थी. सिसोदिया ने कहा, हां, मैंने बोला कि वो गाय काट रहे थे, मैंने उसको काट दिया.
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याचिकाकर्ता की मांग है कि इस मामले की जांच के लिए एसआइटी का गठन होना चाहिए और इस मामले की सुनवाई यूपी से बाहर होनी चाहिए. आपको बता दें कि इस मामले में NDTV इंडिया ने स्टिंग किया था, जिसमे पुलिस की जांच में कई खामियां नज़र आईं थी और खुद आरोपी ने गुनाह कबूला था. पुलिस एफआइआर में इसे रोड रेज का मामला बताया गया था जबकि स्टिंग के वीडियो सबूत में कुछ और ही मामला नजर आ रहा था. आरोप यह भी है कि स्थानीय पुलिस सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन्मादी भीड़ केस में जारी दिशा निर्देशों का पालन नहीं कर रही है. पुलिस एफआइआर को रोड रेज का मामला बना कर केस दर्ज कर रही है. पुलिस ने अभी तक उसका बयान तक दर्ज नहीं किया है. उनकी मांग है कि बयानों को मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज कराया जाए और साथ ही मामले में विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया जाए.
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18 जून को हापुड़ में लोगों के एक समूह ने गौहत्या में शामिल होने के संदेह पर 64 वर्षीय समयुद्दीन और कासिम कुरैशी ने जमकर पिटाई की. इस घटना में दोनों गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। बाद में कासिम की मौत हो गई थी. कुछ दिन पहले एनडीटीवी की टीम हापुड़ के बजेड़ा खुर्द गांव में घटना के आरोपी आरोपी युद्धिष्ठिर सिंह सिंसोदिया से मिलने गई थी. सिसोदिया ने कोर्ट में बयान दिया है कि उसकी हमले में कोई भूमिका नहीं है और वह घटनास्थल पर भी मौजूद नहीं था. लेकिन उसने एनडीटीवी की टीम से बातचीत कहा कि उसने इस घटना में शामिल होने की बात जेल अधिकारियों को भी बताई थी. उसकी यह बात कैमरे में रिकॉर्ड कर ली गई थी. सिसोदिया ने कहा, हां, मैंने बोला कि वो गाय काट रहे थे, मैंने उसको काट दिया.
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