
- सुप्रीम कोर्ट ने करूर में हुई भगदड़ की घटना की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो से कराने का आदेश दिया है
- जांच की निगरानी पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज अजय रस्तोगी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति करेगी
- मद्रास हाईकोर्ट की सिंगल बेंच की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाए और फटकार लगाई है
सुप्रीम कोर्ट ने करूर में हुई भगदड़ की घटना की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) से कराने के सोमवार को आदेश दिए. जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंट ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज अजय रस्तोगी को समिति का प्रमुख नियुक्त किया जो सीबीआई जांच की निगरानी करेगी. कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट को फटकार लगाते हुए भगदड़ को देश को हिला देने वाली घटना बताया.
करूर तमिलागा वेट्ट्री कजगम (TVK) रैली में कोर्ट ने क्या क्या कहा
- सुप्रीम कोर्ट ने मामले को सीबीआई को सौंपा
- सुप्रीम कोर्ट ने मामले की निगरानी SC के रिटायर्ड जज जस्टिस अजय रस्तोगी की अगवाई में तीन सदस्यीय कमेटी को सौंपी
- कमेटी में दो IPS अफसर भी होंगे जो तमिलनाडु कैडर के हो सकते हैं, लेकिन दूसरे राज्य के होंगे
- TVK ने कोर्ट की निगरानी में रिटायर्ड सुप्रीम कोर्ट जज की निगरानी में स्वतंत्र जांच मांगी है
- जबकि अन्य याचिकाओं में घटना की सीबीआई जांच की मांग की गई है
- करूर में अभिनेता और टीवीके संस्थापक विजय की राजनीतिक रैली के दौरान हुई भगदड़ की CBI से जांच कराने की मांग वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है
- जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस एन वी अंजारिया की बेंच ने मामले पर सुनवाई के दौरान सवाल किया था कि मद्रास हाई कोर्ट के चेन्नई बेंच की सिंगल जज बेंच ने मामले का संज्ञान क्यों लिया और आदेश क्यों पारित किया?
- जबकि करूर जहां भगदड़ हुई वह उसका क्षेत्राधिकार है, वहां यह मामला हाई कोर्ट की मदुरै बेंच की एक बेंच सुन रही थी
- इस रैली के दौरान हुई भगदड़ में 41 लोगों की मौत हो गई थी और 60 से अधिक लोग घायल हो गए थे
- - इससे पहले मद्रास HC ने सीबीआई जांच से इंकार कर दिया था.
चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पीठ ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) की नेता उमा आनंदन की उस याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति जताई जिसमें 27 सितंबर को हुई भगदड़ की घटना की सीबीआई जांच से इनकार करने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई है.
तमिलनाडु के BJP नेता जी एस मणि ने भी भगदड़ मामले की सीबीआई जांच का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की है. टीवीके ने भी सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में स्वतंत्र जांच का अनुरोध किया है और तर्क दिया है कि यदि केवल तमिलनाडु पुलिस के अधिकारियों द्वारा जांच की जाएगी तो इसके निष्पक्ष होने की संभावना नहीं है.
टीवीके की याचिका में हाई कोर्ट द्वारा केवल तमिलनाडु पुलिस के अधिकारियों वाली एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित करने पर आपत्ति जताई गई है. इसमें आरोप लगाया गया है कि भगदड़ कुछ उपद्रवियों की पूर्व नियोजित साज़िश का अंजाम हो सकती है.
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