कोल ब्‍लॉकों की वर्चुअल नीलामी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई एक हफ्ते के लिए टाली

झारखंड सरकार ने वाणिज्यिक खनन के लिए केंद्र की महत्वाकांक्षी परियोजना को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से केंद्रीय कोयला मंत्रालय द्वारा कोयला खदानों की प्रस्तावित नीलामी पर फिलहाल रोक लगाने की मांग की है.

कोल ब्‍लॉकों की वर्चुअल नीलामी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई एक हफ्ते के लिए टाली

केंद्र सरकार ने कोल ब्‍लॉकों की वर्चुअल नीलामी का फैसला किया है (प्रतीकात्‍मक फोटो)

नई दिल्ली:

कोयला ब्लॉकों की वर्चुअल नीलामी (Virtual auction of Coal blocks)की परियोजना के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सुनवाई एक हफ्ते के लिए टाल दी है. झारखंड सरकार (Jharkhand government) के ऑरिजनल सूट पर भी सुनवाई के अनुरोध के बाद शीर्ष अदालत ने यह सुनवाई टाली है. दरअसल, झारखंड की सरकार ने केंद्र सरकार की परियोजना को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा 18 जून को शुरू की गई 41 कोयला ब्लॉकों की वर्चुअल नीलामी की परियोजना के मामले मे सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. 

झारखंड सरकार ने वाणिज्यिक खनन के लिए केंद्र की महत्वाकांक्षी परियोजना को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से केंद्रीय कोयला मंत्रालय द्वारा कोयला खदानों की प्रस्तावित नीलामी पर फिलहाल रोक लगाने की मांग की है. झारखंड सरकार ने कहा है कि खोयला खनन का झारखंड और उसके निवासियों की विशाल ट्राइबल आबादी और वन भूमि पर सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभाव के निष्पक्ष मूल्यांकन की आवश्यकता है और केंद्र सरकार के नीलामी के फैसले से इन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है.

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याचिका में यह भी कहा गया है कि COVID-19 के कारण नकारात्मक 'वैश्विक निवेश के लिए वैसे ही माहौल नहीं हैं इसी कारण कोयला खनन के लिए की जा रही नीलामी से दुर्लभ प्राकृतिक संसाधन का उचित रिटर्न प्राप्त करने की संभावना नहीं है दरअसल अगले 5-7 वर्षों में देश में पूंजी निवेश के 33,000 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद के साथ नीलामी प्रक्रिया शुरू करते हुए मोदी ने कहा था कि यह आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में एक बड़ा कदम है.