केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को कहा- भीषण अकाल से जूझ रहे दर्जन भर राज्यों में करीब 33 करोड़ लोग रहते हैं। सूखे से निपटने के संबंध में कड़े सवालों का सामना कर रही सरकार ने कहा कि 256 जिले सूखे से प्रभावित हैं और वहां देश की जनसंख्या से एक तिहाई से अधिक लोग रहते हैं।
सरकार के वकील अडिशनल सॉलिसिटर जनरल पीए नरसिम्हा ने कहा- इन इलाकों में रहने वाले लोगों की संख्या 33 करोड़ हो सकती है लेकिन इन जिलों में सूखे से प्रभावित होने वालों की असल संख्या सकल जनसंख्या के आकंड़ों से कम होने की संभावना है।
लेकिन, सूखे से प्रभावित लोगों की कुल संख्या इस संख्या से अधिक हो सकती है क्योंकि हरियाणा और बिहार ने कम बरसात के बावजूद अभी तक संकट की घोषणा नहीं की है।
गुजरात को कोर्ट ने कहा- हलफनामा क्यों नहीं दिया
अदालत ने सूखे की स्थिति पर एक शपथ पत्र के बजाय एक टिप्पणी प्रस्तुत करने को लेकर गुजरात को आड़े हाथों लिया। कोर्ट ने कहा- आपने हलफनामा दाखिल क्यों नहीं किया? चीजों को इतना हल्के में न लें। सिर्फ इसलिए कि आप गुजरात हैं, इसका मतलब यह नहीं कि आप कुछ भी करेंगे।
कोर्ट ने कहा- सूचित करना केंद्र की जिम्मेदारी है
कोर्ट ने कहा कि यह केंद्र की जिम्मेदारी है कि वह '(सूखा प्रभावित) राज्यों को सूचित करे और चेतावनी दे कि वहां कम बारिश होगी।' जज ने कहा- अगर आपको बताया जाता है कि किसी राज्य के एक खास एऱिया में फसल का 96 फीसदी हिस्सा उगाया जाता है लेकिन आपको यह सूचना मिले कि वहां कम बारिश होगी, तो उन्हें यह मत कहिए सब ठीक है। बल्कि इन राज्यों को बताइए कि वहां सूखा पड़ने की संभावना है।
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