
प्रतीकात्मक तस्वीर...
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इस स्टाक की शेल्फ की मियाद पूरी हो चुकी है.
यह स्टॉक नेस्ले कंपनी तथा खाद्य नियामक के पास पड़ा है.
स्टॉक को FSSAI की अधिसूचित सीमेंट संयंत्र भट्टियों में नष्ट किया जाएगा.
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति यू यू ललित की पीठ ने कहा कि देश में कंपनी के 39 गंतव्यों तथा एफएसएसएआई के पास लखनऊ में पड़े स्टॉक को दोनों पक्षों के बीच सहमति वाली प्रक्रिया के जरिये नष्ट कर दिया जाए. नेस्ले इंडिया की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दत्तार ने बताया कि इस स्टॉक को एफएसएसएआई द्वारा अधिसूचित सीमेंट संयंत्रों की भट्टियों में नष्ट किया जाएगा और इस मौके पर खाद्य नियामक के प्रतिनिधि भी मौजूद रह सकते हैं.
एफएसएसएआई के वकील महमूद प्राचा ने कहा कि उन्हें स्टॉक को नष्ट किए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन स्टॉक के निपटान को लेकर कुछ मुद्दे हैं, जो बंबई उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर एसएलपी का विषय है.
पीठ ने पक्षों को किसी तरह की शिकायत को लेकर अदालत जाने की अनुमति देते हुए याचिकाओं का निपटारा कर दिया. इससे पहले नेस्ले इंडिया ने 21 सितंबर को न्यायालय में अपील दायर कर 550 टन का मैगी का स्टॉक नष्ट करने की अनुमति मांगी थी, जिसकी शेल्फ लाइफ पूरी हो चुकी है. कंपनी का कहना था कि इससे स्वास्थ्य संबंधी समस्या पैदा हो सकती है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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