कोलकाता का सोनागाछी इलाका अब सुप्रीम कोर्ट के राडार पर है. देह व्यापार के धंधे में जबरन धकेली गई महिलाओं की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, पश्चिम बंगाल सरकार, राष्ट्रीय महिला आयोग और कोलकाता नगर निगम को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. ये चार महिलाएं पश्चिम बंगाल, नेपाल और बंगलादेश की निवासी हैं और कई साल पहले उन्हें सोनागाछी इलाके की इमारतों में चल रहे देह व्यापार के धंधे से NGO ने पुलिस की मदद से छुडाया था. उस वक्त वो नाबालिग थीं और तब से पुनर्वास के लिए शेल्टर होम में रह रही हैं. याचिका में कहा गया है कि जिन इमारतों में उनके जैसी किशोरियों और महिलाओं को बंधक बनाकर जबरन देह व्यापार कराया जा रहा हैं, उनमें से दो इमारतें कोलकाता नगर निगम के नाम हैं जबकि कई इमारतों के मालिकों का अता- पता नहीं है.
2 साल पहले दिल्ली के जीबी रोड से बचाया, फिर हो गई लापता और अब मिली कोलकाता के सोनागाछी से
इन इमारतों में मासूम बच्चियों को अलग- अलग जगह ये लाकर उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताडित किया जाता है और उनकी गरिमा को कुचला जाता है. याचिका में कहा गया है कि पुलिस इन मामलों में दलाल और ये काम करने वालों को तो पकड़ती है लेकिन इमारत के मालिकों को कुछ नहीं किया जाता जबकि उनको पता है कि यहां क्या होता है. यहां तक कि ये भी नहीं पता चलता कि इमारत किसके पास है और ना ही इनका कोई रिकॉर्ड है. याचिका में महिलाओं ने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट उन्हें असाधारण मुआवजा दिलाए. साथ ही सोनागाछी की इन इमारतों के मालिकों या किराएदारों की जानकारी के लिए प्रशासन को आदेश जारी करे. साथ ही ITP एक्ट के प्रावधानों को दुरुस्त करे ताकि इमारतों के मालिकों को भी कानून के शिंकजे में लिया जा सके.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं