नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पत्रकारों के डायस के नजदीक आने पर नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने पत्रकारों को नसीहत दी कि उन्हें वहीं रहना चाहिए जो जगह उनके लिए तय की गई है। ये टिप्पणी केंद्र सरकार के खिलाफ डिसएबल लोगों के कोटा को लेकर दाखिल अवमानना की याचिका की सुनवाई के दौरान दी गई।
बेंच की अगुवाई कर रहे जस्टिस राजन गोगोई ने कहा कि पत्रकारों को एकदम जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। जजों की कमेटी ने इस मामले में फैसला भी किया है जो शायद आप तक नहीं पहुंचा है। पत्रकारों को अपने निर्धारित स्थान पर ही रहना चाहिए।
जस्टिस गोगोई और जस्टिस एनवी रमना की बेंच ने मीडिया के सुनवाई के दौरान जजों या वकीलों की टिप्पणियों की कवरेज पर भी ऐतराज जताया।
कोर्ट ने कहा कि बहुत सारे जज ऐसे हैं जिन्हें किसी केस के दौरान दी गई टिप्पणी को मीडिया में कवरेज पसंद नहीं है। ये टिप्पणियां बहस के दौरान मामले को समझने के लिए की जाती हैं और इसमें हम बातों को काट-छांट कर नहीं बोलते।
कोर्ट ने कहा कि अगर आप सही तरीके खबर देते हैं तो आपका स्वागत है।
बेंच की अगुवाई कर रहे जस्टिस राजन गोगोई ने कहा कि पत्रकारों को एकदम जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। जजों की कमेटी ने इस मामले में फैसला भी किया है जो शायद आप तक नहीं पहुंचा है। पत्रकारों को अपने निर्धारित स्थान पर ही रहना चाहिए।
जस्टिस गोगोई और जस्टिस एनवी रमना की बेंच ने मीडिया के सुनवाई के दौरान जजों या वकीलों की टिप्पणियों की कवरेज पर भी ऐतराज जताया।
कोर्ट ने कहा कि बहुत सारे जज ऐसे हैं जिन्हें किसी केस के दौरान दी गई टिप्पणी को मीडिया में कवरेज पसंद नहीं है। ये टिप्पणियां बहस के दौरान मामले को समझने के लिए की जाती हैं और इसमें हम बातों को काट-छांट कर नहीं बोलते।
कोर्ट ने कहा कि अगर आप सही तरीके खबर देते हैं तो आपका स्वागत है।
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