चेन्नई:
भारतीय मछुआरों के खिलाफ श्रीलंकाई नौसैनिकों के बढ़ रहे आक्रामक रवैये से क्षुब्ध तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता ने केंद्र सरकार को उसकी ‘चुप्पी’ के लिए आड़े हाथ लिया और कहा कि इसे कमजोरी और श्रीलंका का साहस बढ़ाना नहीं समझना चाहिए।
जयललिता ने कहा, ‘‘हम आजीविका चलाने वाले अपने मछुआरों को बार-बार बंधक बनाए जाने की घटनाओं से क्षुब्ध हैं। हम आशा करते हैं कि जब ऐसी घटनाएं घटें तो भारत सरकार भी जवाब दे सक्रिय रूप से प्रतिक्रिया करे।’’
जयललिता ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सख्त शब्दों में लिखे पत्र में कहा है कि गत 15 दिनों के दौरान इस मुद्दे पर उनका यह तीसरा पत्र है। उन्होंने कहा, ‘‘आप अपनी चुप्पी से श्रीलंका की हिम्मत नहीं बढ़ने दें और उसे इसका मतलब कमजोरी और हमारे मछुआरों के प्रति उपेक्षा का प्रतीक नहीं मानने दें।’’
उन्होंने श्रीलंकाई नौसेना द्वारा कल से 53 मछुआरों को पकड़ने की नवीनतम घटना का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘यह तमिलनाडु के पाक खाड़ी के दयनीय मछुआरों के प्रति श्रीलंकाई नौसेना के असहिष्णुता बढ़ने का एक और उदाहरण है।’’
जयललिता ने कहा, ‘‘हम आजीविका चलाने वाले अपने मछुआरों को बार-बार बंधक बनाए जाने की घटनाओं से क्षुब्ध हैं। हम आशा करते हैं कि जब ऐसी घटनाएं घटें तो भारत सरकार भी जवाब दे सक्रिय रूप से प्रतिक्रिया करे।’’
जयललिता ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सख्त शब्दों में लिखे पत्र में कहा है कि गत 15 दिनों के दौरान इस मुद्दे पर उनका यह तीसरा पत्र है। उन्होंने कहा, ‘‘आप अपनी चुप्पी से श्रीलंका की हिम्मत नहीं बढ़ने दें और उसे इसका मतलब कमजोरी और हमारे मछुआरों के प्रति उपेक्षा का प्रतीक नहीं मानने दें।’’
उन्होंने श्रीलंकाई नौसेना द्वारा कल से 53 मछुआरों को पकड़ने की नवीनतम घटना का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘यह तमिलनाडु के पाक खाड़ी के दयनीय मछुआरों के प्रति श्रीलंकाई नौसेना के असहिष्णुता बढ़ने का एक और उदाहरण है।’’
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