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This Article is From Jun 25, 2016

लड़ाकू विमान सुखोई ने 2500 किलोग्राम की 'ब्रह्मोस' मिसाइल को लेकर भरी उड़ान

लड़ाकू विमान सुखोई ने 2500 किलोग्राम की 'ब्रह्मोस' मिसाइल को लेकर भरी उड़ान
ब्रम्होस मिसाइल के साथ उड़ान भरता हुआ सुखोई-30 लड़ाकू विमान।
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
40 सुखोई विमानों को किया जा रहा अपग्रेड
बिना रूस की मदद के किया अहम बदलाव
मेक इन इंडिया का बेहतरीन उदाहरण
नई दिल्ली: देश में बने सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस को लेकर अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू विमान सुखोई 30 ने पहली बार उड़ान भरी। सुखोई ने यह उड़ान नासिक में भरी। सुखोई ने न केवल सफलतापूर्वक टेक ऑफ किया बल्कि करीब एक घंटा आसमान में रहने के बाद लैडिंग भी बहुत बढ़िया तरीके से किया। इस साल के अंत तक इलके वायुसेना में ऑपरेशनल हो जाने की उम्मीद है।

क्षमता जानने के लिए होंगी 15 से 20 उड़ानें
ब्रह्मोस के लिए करीब 40 सुखोई लड़ाकू विमानों को अपग्रेड किया जा रहा है ताकि वे इस खतरनाक मिसाइल से लैस होकर और भी घातक हो जाएं। ब्रह्मोस के सीईओ और एमडी सुधीर कुमार मिश्रा ने कहा कि आज ऐतिहासिक दिन है कि दुनिया में पहली बार इतनी भारी भरकम मिसाइल को लड़ाकू विमान में लगाया गया। इस मिसाइल का वजन 2,500 किलो है। ऐसी ही 15 से लेकर 20 उड़ानें भरी जाएंगी जिससे लड़ाकू विमान की क्षमता को ठीक तरीके से आंका जा सके।  
 

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की दूरदर्शिता से मिली कामयाबी
बिना रूसी मदद के सुखोई में ऐसा बदलाव इंजीनियरिंग का अद्भुत नूमना है। आपको बता दें कि सुखोई लड़ाकू विमान को रूस ने ही बनाया है। ब्रह्मोस के सीईओ ने यह भी कहा कि दुनिया की सोच थी कि हम ऐसा नहीं कर पाएंगे लेकिन अपने पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मैन कहे जाने वाले एपीजे अब्दुल कलाम की दूरदर्शी सोच की वजह से हम यह करने में कामयाब हुए।

हिन्दुस्तान एयरोनेटिक्स लिमिटेड के सीएमडी टी सर्वणा राजू ने कहा कि यह मेक इन इंडिया का बेहतरीन उदाहरण है। अगर एक मिशन को कामयाब बनाने के लिए सारी एजेंसियां एक साथ आ जाएं तो नामुकिन कुछ भी नहीं है।  
 

दुनिया में सबसे पहला प्रयोग
फिलहाल एक सुखोई तीन हजार किलोमीटर तक मार कर सकता है और इस मिसाइल के साथ आने से मारक क्षमता 300 किलोमीटर तक और बढ़ जाएगी। बड़ी बात यह कि 3600 किलोमीटर प्रतिघंटा यानि कि एक किलोमीटर प्रति सेकेंड स्पीड वाले मिसाइल का निशाना अचूक है। मारक क्षमता और गति के एक साथ आने से डेडली हो जाता है। दुनिया में ऐसा पहली बार हुआ है कि इस रेंज के सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को किसी लड़ाकू विमान से लांच किया गया।

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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