मौजूदा लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2019) में जो सांसद चुनकर आए हैं उनके बारे में अध्ययन करने पर कई दिलचस्प पहलू सामने आते हैं जैसे इस बार आजादी के बाद से महिला सांसदों (Women Member of Parliament) की संख्या सबसे अधिक है. सन 2014 में जहां 62 महिला सांसद संसद पहुंची थीं वहीं अब इनकी संख्या 78 हो गई है.
इस चुनाव में कुल पुरूष उम्मीदवार 7334 थे तो महिला उम्मीदवारों की संख्या 715 थी. इस बार 542 में से 300 सांसद पहली बार संसद में चुनकर आए हैं. 197 सांसद दूसरी बार चुने गए हैं. सांसदों में से 394 ग्रेजुएट हैं. सांसदों की औसत आयु 54 साल है.
यदि दुनिया भर के आंकड़े देखें तो भारत में महिला सांसदों का औसत सबसे कम है. भारत में जहां पूरे सांसदों की संख्या का केवल 14 फीसदी महिला सांसद हैं तो दक्षिण अफ्रीका में 43 फीसदी, ब्रिटेन में 32 फीसदी, अमेरिका में 24, बांग्लादेश में 21 और रवांडा में 61 फीसदी महिला सांसद हैं. उड़ीसा में 21 में से 7 महिला सांसद हैं जिसमें से बीजेडी (BJD) की पांच और बीजेपी (BJP) की दो सांसद हैं. बीजेडी देश में एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसने टिकट बंटवारे में 33 फीसदी सीटें महिलाओं को दी थीं. यानि सात महिला उम्मीदवार मैदान में उतारी थीं. इसी तरह तृणमूल कांग्रेस (Trinmool Congress) ने भी 42 में से 17 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया था. जबकि कांग्रेस (Congress) ने 423 में से 54 महिलाओं को और बीजेपी ने 437 में से 53 महिलाओं को टिकट दिया था.
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महिला उम्मीदवारों में कई ऐसे नाम हैं जिन्हें हार का सामना करना पड़ा है. जैसे टीआरएस (TRS) की के कविता, पीडीपी (PDP) की महबूबा मुफ्ती, समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की डिंपल यादव और पूनम सिन्हा, बीजेपी की जया प्रदा, कांग्रेस की प्रिया दत्त और उर्मिला मातोंडकर और तृणमूल कांग्रेस की मुनमुन सेन. उड़ीसा से बीजेडी से जीतीं चंद्राणी मुर्मू सबसे कम उम्र की सांसद हैं. वे महज 25 साल की है. इसी तरह उड़ीसा से ही बीजेपी के टिकट पर जीतीं अपराजिता सारंगी आईएएस थीं तो बीजेडी की प्रमिला बिसोई पांचवीं तक पढ़ी हैं और खेती करती हैं. केरल की रेम्या हरिदास कांग्रेस से जीती हैं, जो टैलेंट हंट विजेता रही हैं.
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इसी तरह इस लोकसभा की सबसे बड़ी खासियत है करोड़पति सांसद... कुल 542 में से 475 यानि 88 फीसदी सांसद करोड़पति हैं जिसमें बीजेपी के 265, कांग्रेस के 43, डीएमके के 22, तृणमूल के 20 और वाईआरएससी यानि जगन रेड्डी की पार्टी से 19 सांसद, शिव सेना के 18 और जेडीयू के 15 सांसद करोड़पति हैं. अब जरा आपराधिक मामलों की बात कर लेते हैं. कुल 542 में से 233 सांसदों पर आपराधिक मुकदमें हैं, यानी 43 फीसदी. जबकि 2014 में 34 फीसदी सांसदों पर मुकदमे थे और इनमें से 29 फीसदी पर गंभीर आरोप हैं और 11 पर तो हत्या का मामला दर्ज है. जिन सांसदों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं उनमें से 116 बीजेपी के, 29 कांग्रेस, 10 डीएमके, 10 वायएसआरसी और 9 सांसद तृणमूल के हैं.
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केरल के कांग्रेस के एक सांसद हैं डीन कुरियाकोस जो इडुक्की से जीतकर आए हैं. उन पर 204 मुकदमे हैं जिसमें से 37 थोड़े गंभीर मामले हैं, बाकी धरना-प्रर्दशन और सरकारी काम में बाधा जैसे मामले हैं, जो अक्सर नेताओं पर पुलिस लगाती रहती है.
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