दिल्ली में जलती हुई अंगीठी से कथित रूप से निकली जहरीली गैस से दम घुटने के कारण दो अलग-अलग घटनाओं में 6 लोगों की मौत हो गई. पुलिस अधिकारियों ने रविवार को बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में दो अलग-अलग घटनाओं में कोयले की अंगीठी से निकलने वाले जहरीले धुएं के कारण कथित तौर पर एक ही परिवार के चार सदस्यों सहित छह लोगों की मौत हो गई. दिल्ली भीषण ठंड की चपेट में है. रविवार सुबह न्यूनतम तापमान गिरकर 3.5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया, जो इस सर्दी के सीजन का सबसे कम तापमान है. ऐसे में लोग ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा ले रहे हैं. लेकिन भूलकर भी घर में अंगीठी जलाकर नहीं सोना चाहिए. क्योंकि इसके गंभीर परिणाम सामने आते हैं.
सोता रह गया पूरा परिवार...!
पुलिस ने बताया कि बाहरी उत्तरी दिल्ली के अलीपुर इलाके में हुई घटना में मारे गए चार लोगों में दो बच्चे भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान राकेश (40), उसकी पत्नी ललिता (38), उनके दो बेटे पीयूष (8) और सनी (7) के रूप में हुई है. राकेश एक पानी के टैंकर का ड्राइवर था. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, "रविवार सुबह लगभग 7 बजे, अलीपुर पुलिस स्टेशन में एक पीसीआर कॉल प्राप्त हुई, जिसमें कहा गया कि दिल्ली के खेरा कलां गांव में एक व्यक्ति बेहोश पड़ा हुआ है. इसके बाद तुरंत कर्मचारियों को घटनास्थल पर भेजा गया."
कमरे का दरवाजा अंदर से था बंद
पुलिस ने पाया कि कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था. अधिकारी ने कहा, "हमारी टीम ने सबसे पहले खिड़की का शीशा तोड़ा और दरवाजा खोलने में कामयाब रही. बाद में, टीम को कमरे के अंदर चार लोग बेहोशी की हालत में मिले. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया." पुलिस ने बताया कि फोरेंसिक टीम और क्राइम टीम को कमरे के अंदर कोयले की अंगीठी मिली. पुलिस ने बताया कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि चारों की मौत दम घुटने से हुई है. उन्होंने बताया कि सीआरपीसी की धारा 174 के तहत मामले में आगे की जांच और कार्यवाही शुरू कर दी गई है.
पुलिस ने बताया कि खेरा कलां जैसी ही एक घटना में पश्चिमी दिल्ली के इंद्रपुरी इलाके में कोयले की अंगीठी से कथित तौर पर जहरीला धुआं निकलने के बाद नेपाल के दो मूल निवासी अपने कमरे में मृत पाए गए. पुलिस के मुताबिक, मृतकों की पहचान राम बहादुर (57) और अभिषेक (22) के रूप में हुई है. पुलिस ने कहा कि बहादुर पेशे से ड्राइवर था और अभिषेक घरेलू सहायक के रूप में काम करता था. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "सुबह 8.30 बजे एक कॉल आई कि एक कमरे में रहने वाले दो व्यक्ति अपने किराए के घर का दरवाजा नहीं खोल रहे हैं." पुलिस ने कहा कि यह पाया गया कि दोनों व्यक्ति तीसरी मंजिल के अपने कमरे को अंदर से बंद करके सो रहे थे.
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