नई दिल्ली:
लोकपाल विधेयक पर संयुक्त समिति के काम शुरू करने से पहले विवाद सामने आ गया है और विख्यात गांधीवादी अन्ना हजारे ने केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल से इस्तीफा मांगते हुए कहा कि अगर उनको लगता है कि लोकपाल विधेयक से कोई फायदा नहीं होगा तो उन्हें संयुक्त समिति से इस्तीफा दे देना चाहिए। इस मामले में मजबूत लोकपाल विधेयक के लिए अभियान चलाने वाले उनके सहयोगी किरण बेदी और अरविंद केजरीवाल ने भी सिब्बल की आलोचना की। सिब्बल ने हालांकि इस तरह के किसी बयान से इनकार करते हुए कहा है कि एक मजबूत भ्रष्टाचारविरोधी विधेयक का मसौदा तैयार करने के संदर्भ में वह हजारे के साथ हैं। लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए 10 सदस्यीय संयुक्त समिति के गठन पर सरकार को झुकाने वाले हजारे ने सिब्बल के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, अगर सिब्बल को लगता है कि लोकपाल विधेयक से कुछ हासिल नहीं होगा तो उन्हें जल्द से जल्द संयुक्त समिति से इस्तीफा दे देना चाहिए। अपने घर रालेगांव सिद्धी वापस जाने से पहले अन्ना ने कहा, क्यों वह अपना और हमारा वक्त बरबाद कर रहे हैं? उन्हें देश के लिए अन्य काम करने चाहिए। वह समिति में क्यों रहना चाहते हैं? उन्होंने कहा, अगर आपको लगता है कि इससे कुछ हासिल नहीं होगा तो आपको संयुक्त समिति में नहीं रहना चाहिए। उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए और कुछ और काम करना चाहिए। गौरतलब है कि सिब्बल ने एक सार्वजनिक बैठक में कहा था, मैं एक सवाल पूछना चाहता हूं, अगर एक गरीब बच्चे के पास पढ़ने का साधन नहीं है तो लोकपाल विधेयक कैसे उसकी सहायता करेगा?