एकनाथ खड़से और देवेंद्र फडणवीस (फाइल फोटो)
मुंबई:
शिवसेना ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने पूर्व कैबिनेट सहकर्मी एवं वरिष्ठ भाजपा नेता एकनाथ खड़से को हटाने के लिए ‘गोपनीय’ तरीके से काम किया । खड़से ने भूमि सौदे में अनियमितताओं सहित कई आरोप लगने के बाद इस्तीफा दे दिया था।
कल का लड़का पटाखे में बारूद भर रहा था...
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में लिखे गए संपादकीय में कहा, ‘खड़से ने सोचा होगा कि कल का लड़का देवेंद्र फड़णवीस राजनीति नहीं समझेगा। उन्होंने सोचा कि वह ही सरकार हैं। लेकिन वह यह जानने में असफल रहे कि यह कल का लड़का पटाखे में बारूद भर रहा है।’ कहा गया है कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) छह महीने से खड़से के पीए गजानन पाटिल के पीछे था लेकिन खड़से को उस बारे में कोई भनक तक नहीं थी।
फडणवीस सहकर्मी को बचाने के लिए सामने क्यों नहीं आए?
संपादकीय में कहा गया, ‘इससे, हमें फडणवीस की कार्यशैली में गोपनीयता समझ आती है।’ शिवसेना ने जानना चाहा कि फडणवीस अपने सहकर्मी को बचाने एक बार भी सामने क्यों नहीं आए। ‘खड़से कह रहे हैं कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं और यदि वह दोषी साबित होते हैं तो राजनीति छोड़ देंगे। यहां तक कि छगन भुजबल भी जेल में यही बात कह रहे हैं, आदर्श घोटाले के आरोपी अशोक चव्हाण भी यह बात कह रहे हैं। सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा भी कह रहे हैं कि वह निर्दोष हैं।’
सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे आरोपों की जांच
पुणे में भूमि सौदे में कथित अनियमितताओं, कराची स्थित दाउद इब्राहीम के आवास से उनके फोन पर कॉल आने तथा उनके निजी सहायक द्वारा कथित तौर पर रिश्वत मांगे जाने सहित सिलसिलेवार आरोपों के मद्देनजर खड़से ने शनिवार को इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद, फडणवीस ने खड़से पर लगे आरोपों की उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराने की घोषणा की। यह मांग खुद खड़से ने भी की थी।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
कल का लड़का पटाखे में बारूद भर रहा था...
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में लिखे गए संपादकीय में कहा, ‘खड़से ने सोचा होगा कि कल का लड़का देवेंद्र फड़णवीस राजनीति नहीं समझेगा। उन्होंने सोचा कि वह ही सरकार हैं। लेकिन वह यह जानने में असफल रहे कि यह कल का लड़का पटाखे में बारूद भर रहा है।’ कहा गया है कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) छह महीने से खड़से के पीए गजानन पाटिल के पीछे था लेकिन खड़से को उस बारे में कोई भनक तक नहीं थी।
फडणवीस सहकर्मी को बचाने के लिए सामने क्यों नहीं आए?
संपादकीय में कहा गया, ‘इससे, हमें फडणवीस की कार्यशैली में गोपनीयता समझ आती है।’ शिवसेना ने जानना चाहा कि फडणवीस अपने सहकर्मी को बचाने एक बार भी सामने क्यों नहीं आए। ‘खड़से कह रहे हैं कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं और यदि वह दोषी साबित होते हैं तो राजनीति छोड़ देंगे। यहां तक कि छगन भुजबल भी जेल में यही बात कह रहे हैं, आदर्श घोटाले के आरोपी अशोक चव्हाण भी यह बात कह रहे हैं। सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा भी कह रहे हैं कि वह निर्दोष हैं।’
सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे आरोपों की जांच
पुणे में भूमि सौदे में कथित अनियमितताओं, कराची स्थित दाउद इब्राहीम के आवास से उनके फोन पर कॉल आने तथा उनके निजी सहायक द्वारा कथित तौर पर रिश्वत मांगे जाने सहित सिलसिलेवार आरोपों के मद्देनजर खड़से ने शनिवार को इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद, फडणवीस ने खड़से पर लगे आरोपों की उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराने की घोषणा की। यह मांग खुद खड़से ने भी की थी।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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