कृषि क्षेत्र के तीन विधेयकों को लेकर पंजाब और हरियाणा समेत विभिन्न राज्यों में प्रदर्शन के बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने कहा कि विधेयक पर कोई भी फैसला लेने से पहले इसे सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए. अकाली दल के नेता नरेश गुजराल ने बीजेपी को चेतावनी दी है कि "यह नहीं समझें कि पंजाब के किसान कमजोर हैं." अकाली दल ने शुरुआत में बिल का समर्थन किया था लेकिन किसानों के विरोध के बाद अपने हाथ पीछे खींच लिए और विधेयक के विरोध में खड़ी हो गई.
पिछले हफ्ते किसानों से जुड़े विधेयकों को लोकसभा में पेश किया गया, जिसके बाद मोदी सरकार में अकाली दल की एक मात्र मंत्री हरसिमरत कौर ने सरकार से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, अकाली दल ने कहा कि फिलहाल वह सरकार को बाहर से समर्थन देती रहेगी. कांग्रेस और किसानों से बढ़ते दबाव के बीच बीजेपी की सबसे पुरानी सहयोगी अकाली दल गठबंधन को लेकर समीक्षा करेगी.
रविवार को किसानों से जुड़े तीन विधेयकों में से दो को राज्यसभा में रखा गया है. अकाली दल के नेता नरेश गुजराल ने विधेयक को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग की है ताकि सभी हितधारक इस पर पक्ष रख सकें.
भाषा की खबर के मुताबिक, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने शुक्रवार को कहा कि यह ‘‘बहुत दुभाग्यपूर्ण''है कि भाजपा नीत केंद्र सरकार ने कृषि से संबंधित तीन विधेयकों पर किसानों की चिंताओं पर विचार नहीं किया. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी किसानों की आशंकाएं सरकार के संज्ञान में लेकर आई थी. साथ ही, भाजपा के साथ गठबंधन अब भी जारी रखने के विषय पर उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व जल्द ही बैठक करेगा और इस बारे में कोई अंतिम फैसला करेगा.
(भाषा के इनपुट के साथ)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं