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This Article is From Jan 16, 2023

"खेल मंत्री का बहिष्कार करना था, खेल का नहीं": IND vs SL मैच में खाली स्टेडियम से भड़के थरूर

थरूर ने कहा, 'केरल क्रिकेट एसोसिएशन के मंत्री की असंवेदनशील टिप्पणियों से कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए. क्योंकि इस साल के आखिर में वनडे वर्ल्डकप की मेजबानी के लिए ग्रीनफील्ड स्टेडियम में हुआ मैच काफी अहम था. मैच के दौरान ज्यादा भीड़ की जरूरत थी.

"खेल मंत्री का बहिष्कार करना था, खेल का नहीं": IND vs SL मैच में खाली स्टेडियम से भड़के थरूर
कांग्रेस सांसद शशि थरूर तिरुवनंतपुरम में भारत-श्रीलंका का मैच देखने पहुंचे थे.
तिरुवनंतपुरम:

केरल के तिरुवनंतपुरम में रविवार को भारत और श्रीलंका क्रिकेट टीम (India-SriLanka Cricket Match) के बीच खेले गए ऐतिहासिक वनडे में टीम इंडिया ने सीरीज में क्लीन स्वीप किया. भारत को 317 रनों से जीत हासिल हुई. हालांकि, स्टेडियम में मैच के दौरान खाली पड़ी सीटों को लेकर बयानबाजी शुरू हो गई. इस बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर  (Shashi Tharoor)ने पूरे मामले में स्थिति साफ करने की कोशिश की है. तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने कहा कि उनके गृह निर्वाचन क्षेत्र में भारत-श्रीलंका के बीच खेल गए तीसरे और अंतिम वनडे में खाली स्टेडियम के बारे में राज्य के खेल मंत्री के बयान को कुछ लोगों ने गलत तरीके से पेश किया है.

थरूर ने ट्वीट सीरीज में कहा, केरल के खेल मंत्री को इस बहिष्कार से कुछ फर्क नहीं पड़ा. वास्तव में लोगों को मंत्री का विरोध करना चाहिए था, क्रिकेट मैच का नहीं. दरअसल, पूरा विवाद केरल के खेल मंत्री वी. अब्दुर्ररहमान के बयान के बाद शुरू हुआ. उन्होंने कहा था कि जो लोग भूखे मर रहे हैं, उन्हें मैच देखने के लिए स्टेडियम आने की जरूरत नहीं है. अब्दुर्ररहमान मैच की टिकट के बढ़ते दामों का विरोध कर रहे लोगों के लिए ये बात कही थी.

केरल के खेल मंत्री वी. अब्दुर्ररहमान ने कहा था, 'जो लोग इतना भी अफोर्ड नहीं कर सकते, उन्हें मैच देखने की जरूरत ही नहीं है. टैक्स कम करने की क्या जरूरत है. मांग ये है कि देश कीमतों में बढ़ोतरी देख रहा है, ताकि टैक्स कम किया जाए. अगर ऐसा है तो जो लोग भूखे मर रहे हैं, उन्हें मैच देखने के लिए आने की कोई जरूरत नहीं है.' इसके बाद सोशल मीडिया पर कई लोगों ने मैच के टिकट नहीं खरीदकर मैच का बॉयकॉट करने की अपील की. इसी वजह से रविवार को स्टेडियम खाली रहा.

इसपर शशि थरूर ने कहा, 'बहिष्कार एक लोकतांत्रिक अधिकार है. लेकिन इससे लोगों को उस व्यक्ति को निशाना बनाना चाहिए, जिनके खिलाफ वो विरोध कर रहे हैं. खेल मंत्री को इस बात की ज़रा सी भी परवाह नहीं है कि गैलरी भरी थी या खाली. वो तो इस बॉयकॉट से अप्रभावित थे. प्रदर्शकारियों को खेल मंत्री का बॉयकॉट करना चाहिए था, खेल का नहीं.'

थरूर ने आगे कहा, 'केरल क्रिकेट एसोसिएशन के मंत्री की असंवेदनशील टिप्पणियों से कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए. क्योंकि इस साल के आखिर में वनडे वर्ल्डकप की मेजबानी के लिए ग्रीनफील्ड स्टेडियम में हुआ मैच काफी अहम था. मैच के दौरान ज्यादा भीड़ की जरूरत थी.    

कांग्रेस सांसद ने कहा कि खेल मंत्री ने जो कहा उससे बच सकते थे. उन्होंने लिखा, 'मैंने सोशल मीडिया पर मैच के बॉयकॉट के कुछ वीडियोज देखें. ऐसा लगता है कि उनका प्रभाव कुछ नहीं हुआ. मुझे ये भी लगता है ये बहिष्कार अतार्किक था. मैं अन्य भाग्यशाली लोगों में था, जो मैच देखने पहुंचे थे.'

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