सरताज अजीज और एमजे अकबर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
बेल्जियम के ब्रसेल्स में अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण पर कॉन्फ्रेंस में भाषण देते हुए विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने कहा कि भारत अफगानिस्तान के लिए बड़ा बाजार है और अटारी में वहां से आ रहे सामान के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. सीधे तौर पर पाकिस्तान पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि राजनीतिक कारणों से पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की यह पहुंच रोक दी है. लेकिन कोई भी देश, दोनों देशों की ऐतिहासिक संस्कृति, व्यापार, साझा यादों के लिए दीवार खड़ी नहीं कर सकता.
एमजे अकबर ने कहा कि हम अफगानिस्तान के साथ काम करते रहेंगे और उसके उत्पाद को जमीन, समुद्र और हवाई रास्ते से भारत लाएंगे. सीधा पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि जो अफगानिस्तान के रास्ते रोक रहे हैं, असल में वे पूरे क्षेत्र को नुकसान पहुंचा रहे हैं. विदेश राज्यमंत्री ने यह भी कहा कि जो कनेक्टिविटी रोक रहे हैं उनकी मंशा ठीक नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि विकास के लिए शांति जरूरी है. आतंक के साये में विकास नहीं हो सकता. अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अफगानिस्तान में सुरक्षा निश्चित करनी चाहिए. आतंक की कोई सीमा नहीं और अपनी रिस्क पर ही इसे नजरअंदाज किया जा सकता है.
इस कॉन्फ्रेंस के ठीक पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने यूरोपियन इंस्टीट्यूट ऑफ एशियन स्टडीज में भाषण देते हुए भारत पर हमला किया और कश्मीर का मुद्दा उठाया. अजीज ने आरोप लगाया कि भारत कश्मीर में आम नागरिकों की आवाज दबाने के लिए ताकत का इस्तेमाल कर रहा है और एडवांस वेपन सिस्टम लगाकर लागातार पाकिस्तान पर दबाव बनाए हुए है.
असल में कयास यह लग रहे थे कि भारत और पाकिस्तान के तनाव के बीच जब दोनों देशों के अहम प्रतिनिधि एक ही शहर में हैं, एक ही कॉन्फ्रेंस में भाग ले रहे हैं, तो क्या तनाव कम करने को लेकर दोनों के बीच कोई मुलाकात भी हो सकती है? लेकिन दोनों के बयान बताते हैं कि ऐसा शायद बिल्कुल न हो.
एमजे अकबर ने कहा कि हम अफगानिस्तान के साथ काम करते रहेंगे और उसके उत्पाद को जमीन, समुद्र और हवाई रास्ते से भारत लाएंगे. सीधा पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि जो अफगानिस्तान के रास्ते रोक रहे हैं, असल में वे पूरे क्षेत्र को नुकसान पहुंचा रहे हैं. विदेश राज्यमंत्री ने यह भी कहा कि जो कनेक्टिविटी रोक रहे हैं उनकी मंशा ठीक नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि विकास के लिए शांति जरूरी है. आतंक के साये में विकास नहीं हो सकता. अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अफगानिस्तान में सुरक्षा निश्चित करनी चाहिए. आतंक की कोई सीमा नहीं और अपनी रिस्क पर ही इसे नजरअंदाज किया जा सकता है.
इस कॉन्फ्रेंस के ठीक पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने यूरोपियन इंस्टीट्यूट ऑफ एशियन स्टडीज में भाषण देते हुए भारत पर हमला किया और कश्मीर का मुद्दा उठाया. अजीज ने आरोप लगाया कि भारत कश्मीर में आम नागरिकों की आवाज दबाने के लिए ताकत का इस्तेमाल कर रहा है और एडवांस वेपन सिस्टम लगाकर लागातार पाकिस्तान पर दबाव बनाए हुए है.
असल में कयास यह लग रहे थे कि भारत और पाकिस्तान के तनाव के बीच जब दोनों देशों के अहम प्रतिनिधि एक ही शहर में हैं, एक ही कॉन्फ्रेंस में भाग ले रहे हैं, तो क्या तनाव कम करने को लेकर दोनों के बीच कोई मुलाकात भी हो सकती है? लेकिन दोनों के बयान बताते हैं कि ऐसा शायद बिल्कुल न हो.
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