फाइल फोटो
भुवनेश्वर:
ओडिशा में हुए सीशोर चिटफंड घोटाला मामले में सीबीआई ने बीजू जनता दल (बीजद) के विधायक को गिरफ्तार किया गया है. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने ओडिशा में हुए सीशोर चिटफंड घोटाले में मंगलवार को सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) के विधायक प्रभात बिस्वाल को गिरफ्तार कर लिया. बिस्वाल को सोमवार देर रात उनके कटक स्थित आवास से उठाया गया और मंगलवार सुबह उनकी गिरफ्तारी की घोषणा की गई. सूत्रों ने बताया कि इससे पहले सीशोर समूह के प्रमुख प्रशांत दास के साथ भूमि सौदे के मामले में कटक-चौद्वार के बीजद विधायक से चार बार पूछताछ की गई थी.
सीबीआई की एक विशेष अदालत ने यहां बाद में बिस्वाल को पांच दिन के लिए सीबीआई की हिरासत में दे दिया, ताकि आगे की जांच की जा सके.
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विधायक ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित है. बिस्वाल ने अदालत ले जाते समय कहा, 'यह अन्याय है, राजनीति से प्रेरित है.' उन्होंने कहा, 'मैंने पिछले चार वर्षो के दौरान सीबीआई को पूरा सहयोग किया. हर कोई जानता है कि मैं किस तरह का व्यक्ति हूं. सच्चाई सामने आकर रहेगी.' सत्ताधारी बीजद ने भी इस गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताया है. बीजद नेता सुभाष सिंह ने कहा, 'केंद्र सरकार अपने राजनीतिक लाभ के लिए सीबीआई का गलत इस्तेमाल कर रही है. यह बदला लेने की राजनीति है. केंद्र ने तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी, राष्ट्रीय जनता दल के लालू प्रसाद यादव और यहां तक कि मीडिया से जुड़े प्रणॉय रॉय के खिलाफ सीबीआई का इस्तेमाल किया. अब यह बीजद को निशाना बना रहा है.'
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उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि इस चिटफंड घोटाले की जांच कब तक चलेगी? अब पांच साल से ज्यादा हो चुके हैं. केंद्र सरकार के गलत इरादों का खुलासा हो चुका है. कटक-चौद्वार से विधायक बिस्वाल से इसके पहले सीशोर समूह के प्रमुख प्रशांत दास के साथ एक भूमि सौदे के संबंध में चार बार पूछताछ की गई थी. सीबीआई ने उनकी पत्नी लक्ष्मीबिलासिनी बिस्वाल से भी जयपुर बेनापुर भूमि घोटाले में शामिल होने को लेकर पूछताछ की थी.
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सीबीआई सूत्रों ने कहा कि उन लोगों ने सीशोर समूह को अच्छी-खासी रकम में एक जमीन बेची थी और अवैध लेन-देन के ब्यौरे के बारे में उचित जवाब नहीं दे पाए थे. सूत्रों ने बताया कि दंपति जमीन सौदे की बिक्री के दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा पाए. सीशोर के सीएमडी प्रशांत दास ने अप्रैल, 2011 में 25 लाख में हुए जमंीन सौदे का भुगतान चेक से किया था, बकाया धनराशि पंजीकरण के बाद भुगतान की जानी थी. दास ने बाद में जमीन का सौदा रद्द कर दिया और अपने पैसे वापस मांगे. प्रभात त्रिपाठी के बाद गिरफ्तार होने वाले बिस्वाल बीजद के दूसरे विधायक हैं. त्रिपाठी को जमानत मिली हुई है. चिटफंड घोटाले में संलिप्तता के कारण बीजद सांसद रामचंद्र हंसदा को भी जेल हुई थी. सीशोर समूह ओडिशा की उन 44 पोंजी कंपनियों में से एक है, जो सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद सीबीआई की जांच के दायरे में आई थीं.
VIDEO : दिल्ली में बीजेडी सांसद के बगीचे से चोरी हुए दो पपीते
सीबीआई 500 करोड़ रुपये के सीशोर चिटफंड घोटाले में आरोपपत्र पहले ही दाखिल कर चुकी है. (इनपुट आईएएनएस से)
सीबीआई की एक विशेष अदालत ने यहां बाद में बिस्वाल को पांच दिन के लिए सीबीआई की हिरासत में दे दिया, ताकि आगे की जांच की जा सके.
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विधायक ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित है. बिस्वाल ने अदालत ले जाते समय कहा, 'यह अन्याय है, राजनीति से प्रेरित है.' उन्होंने कहा, 'मैंने पिछले चार वर्षो के दौरान सीबीआई को पूरा सहयोग किया. हर कोई जानता है कि मैं किस तरह का व्यक्ति हूं. सच्चाई सामने आकर रहेगी.' सत्ताधारी बीजद ने भी इस गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताया है. बीजद नेता सुभाष सिंह ने कहा, 'केंद्र सरकार अपने राजनीतिक लाभ के लिए सीबीआई का गलत इस्तेमाल कर रही है. यह बदला लेने की राजनीति है. केंद्र ने तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी, राष्ट्रीय जनता दल के लालू प्रसाद यादव और यहां तक कि मीडिया से जुड़े प्रणॉय रॉय के खिलाफ सीबीआई का इस्तेमाल किया. अब यह बीजद को निशाना बना रहा है.'
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उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि इस चिटफंड घोटाले की जांच कब तक चलेगी? अब पांच साल से ज्यादा हो चुके हैं. केंद्र सरकार के गलत इरादों का खुलासा हो चुका है. कटक-चौद्वार से विधायक बिस्वाल से इसके पहले सीशोर समूह के प्रमुख प्रशांत दास के साथ एक भूमि सौदे के संबंध में चार बार पूछताछ की गई थी. सीबीआई ने उनकी पत्नी लक्ष्मीबिलासिनी बिस्वाल से भी जयपुर बेनापुर भूमि घोटाले में शामिल होने को लेकर पूछताछ की थी.
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सीबीआई सूत्रों ने कहा कि उन लोगों ने सीशोर समूह को अच्छी-खासी रकम में एक जमीन बेची थी और अवैध लेन-देन के ब्यौरे के बारे में उचित जवाब नहीं दे पाए थे. सूत्रों ने बताया कि दंपति जमीन सौदे की बिक्री के दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा पाए. सीशोर के सीएमडी प्रशांत दास ने अप्रैल, 2011 में 25 लाख में हुए जमंीन सौदे का भुगतान चेक से किया था, बकाया धनराशि पंजीकरण के बाद भुगतान की जानी थी. दास ने बाद में जमीन का सौदा रद्द कर दिया और अपने पैसे वापस मांगे. प्रभात त्रिपाठी के बाद गिरफ्तार होने वाले बिस्वाल बीजद के दूसरे विधायक हैं. त्रिपाठी को जमानत मिली हुई है. चिटफंड घोटाले में संलिप्तता के कारण बीजद सांसद रामचंद्र हंसदा को भी जेल हुई थी. सीशोर समूह ओडिशा की उन 44 पोंजी कंपनियों में से एक है, जो सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद सीबीआई की जांच के दायरे में आई थीं.
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सीबीआई 500 करोड़ रुपये के सीशोर चिटफंड घोटाले में आरोपपत्र पहले ही दाखिल कर चुकी है. (इनपुट आईएएनएस से)
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