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This Article is From Dec 28, 2022

यौन उत्पीड़न मामले में केरल के पूर्व CM ओमन चांडी को क्लीन चिट, 2021 में CBI को सौंपी गयी थी जांच

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने यहां मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में एक रिपोर्ट दाखिल कर केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी को यौन उत्पीड़न के एक मामले में क्लीन चिट दे दी है.

यौन उत्पीड़न मामले में केरल के पूर्व CM ओमन चांडी को क्लीन चिट, 2021 में CBI को सौंपी गयी थी जांच
तिरुवनंतपुरम:

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने यहां मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में एक रिपोर्ट दाखिल कर केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी को यौन उत्पीड़न के एक मामले में क्लीन चिट दे दी है. उन पर सौर ऊर्जा घोटाले की मुख्य आरोपी महिला ने यह आरोप लगाया था. कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से मामले की जांच की सिफारिश केंद्रीय एजेंसी से कराने के लिए माफी मांगने की मांग की है. राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी डी सतीशन ने कोच्चि में संवाददाताओं से कहा, '' सीबीआई ने पाया कि यह बिना सबूत वाला मामला है. पिनराई विजयन को चांडी और अन्य नेताओं तथा उनके परिवार के सदस्यों से माफी मांगनी चाहिए.''

केरल पीसीसी प्रमुख के सुधाकरन ने चांडी की दोषमुक्ति पर अपनी खुशी को नहीं छिपाया और कहा कि केंद्रीय एजेंसी ने इस मामले में ईमानदारी से जांच की. सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को यहां अदालत में सीबीआई ने रिपोर्ट दाखिल की. सीबीआई ने महिला द्वारा यौन शोषण की शिकायत के संदर्भ में भाजपा नेता ए पी अब्दुल्लाकुट्टी को भी दोषमुक्त करते हुए अदालत में एक अन्य रिपोर्ट दाखिल की. अब्दुल्ला कुट्टी के खिलाफ मामला 2014 में तब दर्ज किया गया था, जब वह कन्नूर से कांग्रेस विधायक थे. लेकिन बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए.

सीबीआई ने पिछले साल चांडी, पूर्व केंद्रीय मंत्री के सी वेणुगोपाल और अन्य राजनीतिक नेताओं के खिलाफ आरोपी महिला की ओर से लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोप से जुड़े मामलों की तफ्तीश अपने हाथ में ली थी. यूडीएफ सरकार के दौरान हुए कई करोड़ रुपये के सौर ऊर्जा पैनल घोटाले की मुख्य आरोपी महिला ने शिकायत देकर आरोप लगाया था कि 2012 में चांडी और अन्य ने उसका यौन उत्पीड़न किया था . इसके बाद चांडी और छह अन्य के खिलाफ पिछले कुछ वर्षों में मामले दर्ज किए गए थे जिनकी छानबीन केरल पुलिस की अपराध शाखा ने की.

केरल की मौजूदा माकपा नीत एलडीएफ सरकार ने जनवरी 2021 में इन मामलों की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी. विपक्षी कांग्रेस ने इस कदम को ‘राजनीति से प्रेरित' बताते हुए कहा था कि एलडीएफ सरकार उसकी पार्टी के नेताओं के खिलाफ कुछ पता नहीं लगा सकी जिसके बाद उसने मामलों को सीबीआई को सौंपने का निर्णय लिया. सूत्रों ने बताया कि सीबीआई की जांच में पाया गया है कि चांडी के खिलाफ महिला के आरोप का कोई आधार नहीं है और इस बात के भी कोई प्रमाण नहीं हैं कि वह उस दिन तत्कालीन मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास गई थी.

सूत्रों ने कहा कि सीबीआई ने यह भी पाया है कि मामला गढ़ा गया है. पुलिस आयुक्त को 19 जुलाई 2013 को लिखे पत्र में महिला ने चांडी, उनके कुछ मंत्री और दो पूर्व केंद्रीय मंत्रियों सहित कांग्रेस और यूडीएफ के कई नेताओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था.

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