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मेरठ के कंप्यूटर सेंटर में सेक्स रैकेट का भंडाफोड़, 9 लड़कियां पकड़ी गईं

Cafe Sex Racket Case Meerut: छापेमारी के दौरान पुलिस ने मौके से 9 लड़कियों को बचाया, जिनमें रिसेप्शनिस्ट भी शामिल थी. इसके अलावा, 4 युवकों को भी गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने महिला सहित कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया है.

मेरठ के कंप्यूटर सेंटर में सेक्स रैकेट का भंडाफोड़, 9 लड़कियां पकड़ी गईं
  • नौचंदी थाना क्षेत्र में एक कंप्यूटर ट्रेनिंग सेंटर जिस्मफरोशी का अवैध धंधा चला रहा था, पुलिस ने छापा मारा.
  • पुलिस ने छापेमारी के दौरान सेंटर से नौ लड़कियों को बचाया और पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
  • सोशल मीडिया के जरिए ग्राहकों को लड़कियों की तस्वीरें भेजकर इस रैकेट को संचालित किया जा रहा था.
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मेरठ:

Computer Cafe Sex Racket Case: उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक बड़ा कंप्यूटर ट्रेनिंग सेंटर, जिसका नाम 'एफेबल डिजाइन कंपनीज' था, युवाओं के भविष्य बनाने के नाम पर जिस्मफरोशी का धंधा चला रहा था. पुलिस ने छापा मारकर इस रैकेट का पर्दाफाश किया है. छापेमारी के दौरान पुलिस ने मौके से 5 लोगों गिरफ्तार भी किया है.

नौचंदी इलाके में हाई-प्रोफाइल रैकेट

यह मामला मेरठ के नौचंदी थाना क्षेत्र का है. बाहर से देखने पर यह एक सामान्य कंप्यूटर सेंटर लगता था, जिस पर एक बड़ा और आकर्षक बोर्ड लगा हुआ था. लेकिन अंदर जिस्मफरोशी का अवैध धंधा चल रहा था. इस धंधे को सोशल मीडिया के माध्यम से चलाया जा रहा था, जहां ग्राहकों को लड़कियों की तस्वीरें ऑनलाइन भेजी जाती थीं.

पुलिस को मुखबिर से इस धंधे की सूचना मिली थी. सीओ सिविल लाइंस अभिषेक तिवारी के नेतृत्व में नौचंदी और मेडिकल थाना पुलिस की टीम ने मिलकर कंप्यूटर सेंटर पर छापा मारा. पुलिस को देखते ही सेंटर में अफरा-तफरी मच गई और लोग भागने लगे, लेकिन पुलिस की भारी मौजूदगी के कारण ऐसा संभव नहीं हो सका.

छापेमारी के दौरान पुलिस ने मौके से 9 लड़कियों को बचाया, जिनमें रिसेप्शनिस्ट भी शामिल थी. इसके अलावा, 4 युवकों को भी गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने महिला सहित कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान राजवीर, साकलम, नवाजिश, माज और आसमा सचदेवा के रूप में हुई है.

यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे दो दिन पहले ही, मेरठ के कबाड़ी बाजार में पांच कोठों पर छापा मारा गया था, जहां से नेपाल, पश्चिम बंगाल और राजस्थान सहित कई राज्यों की 17 युवतियों को बचाया गया था. पुलिस की इस लगातार कार्रवाई से यह साफ होता है कि मेरठ में जिस्मफरोशी के कई गिरोह सक्रिय हैं, जो महीनों से चल रहे थे और पुलिस को इनकी भनक तक नहीं थी. यह पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े करता है.

सनुज शर्मा की रिपोर्ट

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