नई दिल्ली:
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने एक विधेयक में संशोधन को मंजूरी प्रदान कर दी जिसके तहत 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति के साथ यौन क्रिया अपराध माना जाएगा चाहे इसके लिए उसकी सहमति ही क्यों नहीं प्राप्त की गई हो।
बच्चों की यौन अपराधों से सुरक्षा विधेयक 2011 के पहले के प्रावधान के अनुसार 16 से 18 वर्ष आयु समूह के बच्चों के साथ सहमति से यौन क्रिया अपराध नहीं माना जाता था।
मंत्रालय ने संसद की स्थायी समिति की दिसम्बर 2011 में सिफारिशों के बाद विधेयक के मूल प्रारूप में इन संशोधनों की सिफारिश की थी।
संसदीय समिति ने विचार व्यक्त किया था कि विधेयक में एक बार बच्चे की आयु 18 वर्ष निर्दिष्ट करने के बाद सहमति के तत्व को इस आयु तक अप्रासंगिक रूप में लिया जाना चाहिए। समिति ने सुझाव दिया कि सहमति की आयु संबंधी प्रावधान को हटा दिया जाना चाहिए।
पहले के विधेयक में प्रावधान था कि यदि एक बच्चे पर 16 वर्ष से 18 वर्ष की आयु में यौन उत्पीड़न होता है तो इसमें इस आधार पर विचार किया जाएगा कि यह सहमति के साथ हुआ या इसमें हिंसा, बल, बल इस्तेमाल की धमकी, मादक पदाथरें या अन्य साधनों का इस्तेमाल हुआ।
बच्चों की यौन अपराधों से सुरक्षा विधेयक 2011 के पहले के प्रावधान के अनुसार 16 से 18 वर्ष आयु समूह के बच्चों के साथ सहमति से यौन क्रिया अपराध नहीं माना जाता था।
मंत्रालय ने संसद की स्थायी समिति की दिसम्बर 2011 में सिफारिशों के बाद विधेयक के मूल प्रारूप में इन संशोधनों की सिफारिश की थी।
संसदीय समिति ने विचार व्यक्त किया था कि विधेयक में एक बार बच्चे की आयु 18 वर्ष निर्दिष्ट करने के बाद सहमति के तत्व को इस आयु तक अप्रासंगिक रूप में लिया जाना चाहिए। समिति ने सुझाव दिया कि सहमति की आयु संबंधी प्रावधान को हटा दिया जाना चाहिए।
पहले के विधेयक में प्रावधान था कि यदि एक बच्चे पर 16 वर्ष से 18 वर्ष की आयु में यौन उत्पीड़न होता है तो इसमें इस आधार पर विचार किया जाएगा कि यह सहमति के साथ हुआ या इसमें हिंसा, बल, बल इस्तेमाल की धमकी, मादक पदाथरें या अन्य साधनों का इस्तेमाल हुआ।
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