कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने किसान बिल (Farmers Bills) का विरोध करते हुए कहा है कि दो कृषि विपणन विधेयकों से किसानों को मिलने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य और उनकी सरकारी खरीद की प्रणाली खत्म हो जाएगी. उन्होंने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर लिखा है कि इससे किसान सर्वाधिक नुकसान झेलेंगे, जबकि देश के बड़े पूंजीपति मालामाल होंगे. सरकार आज (रविवार, 20 सितंबर) तीनों बिल राज्यसभा में पेश करने वाली है. सरकार को उम्मीद है कि कुछ विपक्षी दलों की सहायता से बिल सदन में पास हो जाएगा.
जयराम रमेश ने ट्विटर पर लिखा है, "दो कृषि-विपणन बिल जो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और सार्वजनिक खरीद प्रणाली को अंत करने जा रहे हैं, जो आज राज्यसभा में पेश होने जा रहा है. सबसे बड़े पीड़ित: किसान... सबसे बड़े लाभुक: कॉर्पोरेट्स." उन्होंने लिखा है कि दो विधेयकों से देश में खाद्य सुरक्षा के दो स्तंभ ध्वस्त हो जाएंगे.
Two agri-marketing Bills that spell the end of the Minimum Support Price (MSP) and public procurement system being taken up today in the Rajya Sabha.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 20, 2020
Biggest victims: farmers.
Biggest gainers: corporates. pic.twitter.com/o8wKpBuM50
कांग्रेस नेता ने कहा कि ये बिल देश में पिछले 50 से अधिक वर्षों में स्थापित हुई कृषि व्यवस्था को बर्बाद कर देंगे. उन्होंने कहा कि नए कानून से देश में कॉन्ट्रैक्ट और प्राइवेट फार्मिंग को बढ़ावा मिलेगा. इससे किसानों का और अधिक आर्थिक शोषण होगा. उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य निगम द्वारा होने वाली उपज खरीद बंद हो जाएगी और किसानों को उपज की सही कीमत नहीं मिल सकेगी.
क्या है किसान बिल? पंजाब में क्यों मचा हंगामा? किसानों के आगे क्यों झुका अकाली दल?
इस बीच, पंजाब और हरियाणा में बिल के विरोध में किसानों का आंदोलन जारी है. भारतीय किसान यूनियन के हरियाणा चीफ गुरनाम सिंह के नेतृत्व में आंदोलनरत किसानों ने कुरुक्षेत्र में एनएच जाम कर दिया. रोहतक में भी किसानों ने मंडियों में धरना दिया. पंजाब में भी किसान कई दिनों से आंदोलनरत हैं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं