
- सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान जुबीन गर्ग को सांस लेने में तकलीफ हुई और उन्हें अस्पताल ले जाया गया था.
- स्कूबा डाइविंग के दौरान नाइट्रोजन गैस के बुलबुले बनने से डिकंप्रेशन सिकनेस हो सकती है, जिससे जान जा सकती है.
- स्कूबा डाइविंग में उपकरणों की जांच, साथी के साथ डाइविंग और प्रशिक्षण लेना सुरक्षा के लिए आवश्यक होता है.
Scuba Diving: रात का समय था, शांत माहौल था, ऐसे में जुबीन गर्ग स्कूबा डाइविंग के लिए समुद्र की गइराई में उतरे थे. एकाएक उनको सांस लेने में तकलीफ होने लगी. इसके बाद उन्हें समुद्र से निकालकर नजदीकी हॉस्पिटल में ले जाया गया. लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. कई बार स्कूबा डाइविंग के दौरान जोड़ों में दर्द, सांस की तकलीफ, स्ट्रोक जैसी स्थिति या यहां तक कि मौत होने के मामले भी सामने आए हैं, इसे डिकंप्रेशन सिकनेस कहा जाता है. क्या जुबीन गर्ग भी डिकंप्रेशन सिकनेस का शिकार हुए थे? ये उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद सामने आएगा. 52 साल के जुबीन गर्ग नॉर्थ ईस्ट फेस्टिवल में भाग लेने के लिए सिंगापुर गए थे, यहां वह स्कूबा डाइविंग कर रहे थे, जब सांस लेने में दिक्कत हुई, तो सिंगापुर पुलिस के गोताखोरों ने उन्हें समुद्र से बाहर निकाला और नजदीकी अस्पताल ले जाया गया. आईसीयू में इलाज के बावजूद डॉक्टर उन्हें बचा न सके.
स्कूबा डाइविंग: एक रोमांचक अनुभव
स्कूबा डाइविंग एक ऐसी एक्टिविटी होती है, जिसमें गोताखोर पानी के नीचे जाकर समुद्री जीवन और पानी के नीचे की दुनिया का अनुभव करते हैं. यह एक रोमांचक और अद्वितीय अनुभव होता, जो आपको पानी के नीचे की दुनिया में ले जाता है. लेकिन कई बार ये अनुभव जानलेवा भी साबित हो जाता है. स्कूबा डाइविंग के लिए सुरक्षा उपायों का पालन करना बेहद जरूरी होता है, जिसके लिए प्रशिक्षण भी लेना होता है. क्योंकि स्कूबा डाइविंग एक रोमांचक है, लेकिन इसमें कुछ खतरे भी शामिल हैं. इन खतरों को समझना और उनसे बचने के लिए आवश्यक उपाय करना समुद्र की गहराई में उतरने से पहले बेहद महत्वपूर्ण होता है.

समुद्र के नीचे जाने में क्या खतरा...?
- जब गोताखोर गहराई से जल्दी ऊपर आता है, तो उसके शरीर में घुले हुए नाइट्रोजन गैस के बुलबुले बन जाते हैं. इससे जोड़ों में दर्द, सांस की तकलीफ, स्ट्रोक जैसी स्थिति या यहां तक कि मौत भी हो सकती है.
- समुद्र में अधिक गहराई पर जाने पर नाइट्रोजन मस्तिष्क पर नशे जैसा असर करता है. इससे निर्णय लेने की क्षमता घटती है, जिससे खतरनाक फैसले हो सकते हैं.
- बहुत गहराई में ऑक्सीजन की मात्रा ज़्यादा हो जाती है, जो दौरे या बेहोशी का कारण बन सकती है.
- यदि आपका रेगुलेटर, टैंक या अन्य उपकरण खराब हो जाए, तो सांस लेना मुश्किल हो सकता है. यही कारण है कि बैकअप उपकरण और बडी सिस्टम बहुत ज़रूरी होते हैं.

समुद्री जीवन के बेहद करीब ले जाता है स्कूबा डाइविंग
स्कूबा डाइविंग आपको समुद्री जीवन का अनुभव कराता है. कई लोगों के मन में सवाल होता है कि समुद्र तल में क्या छिपा है, इस सवाल का जवाब स्कूबा डाइविंग से मिलता है. इसके साथ ही स्कूबा डाइविंग तनाव कम करने में मदद कर सकती है और आपको शांति और सुकून का अनुभव कराती है. अगर ठीक से किया जाए, तो स्कूबा डाइविंग सुरक्षित और जीवन बदल देने वाला अनुभव हो सकता है, लेकिन इसके जोखिम को हल्के में नहीं लेना चाहिए.
- स्कूबा डाइविंग के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करना आवश्यक है.
- स्कूबा डाइविंग से पहले उपकरणों की जांच करना आवश्यक है.
- स्कूबा डाइविंग के लिए साथी के साथ डाइविंग करना अधिक सुरक्षित होता है.

स्कूबा डाइविंग के लिए आवश्यक उपकरण
- स्कूबा टैंक: यह एक सिलेंडर है, जिसमें ऑक्सीजन भरी जाती है, जो गोताखोर को सांस लेने के लिए आवश्यक होती है.
- रेगुलेटर: यह उपकरण स्कूबा टैंक से ऑक्सीजन को गोताखोर के मुंह तक पहुंचाता है.
- मास्क: मास्क गोताखोर के चेहरे पर फिट होता है और पानी के नीचे देखने में मदद करता है.
- फिन्स: यह पंख गोताखोर को पानी में तैरने में मदद करते हैं.

भारत में कहां-कहां कर सकते हैं स्कूबा डाइविंग
पांडिचेरी: पांडिचेरी स्कूबा डाइविंग के लिए एक और बेहतरीन स्थल है, जो अपने फ्रेंच आर्किटेक्चर और अंडरवाटर एडवेंचर के लिए जाना जाता है. अरविंद की दीवार, टेम्पल रीफ, 4 कॉर्नर, कूल शार्क रीफ और रेविन्स और द होल जैसे स्कूबा डाइविंग स्पॉट यहां के प्रमुख आकर्षण हैं.
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह: अंडमान और निकोबार द्वीप समूह स्कूबा डाइविंग के लिए एक बेहतरीन स्थल है, जो अपने साफ नीले पानी और समुद्री जीवन के लिए जाना जाता है. हैवलॉक द्वीप पर स्कूबा डाइविंग का अनुभव लेना एक अद्वितीय अनुभव होगा. अक्टूबर से अप्रैल के बीच का समय यहां स्कूबा डाइविंग के लिए सबसे अच्छा है.
लक्षद्वीप: लक्षद्वीप भी स्कूबा डाइविंग के लिए एक लोकप्रिय स्थल है, जो अपने शांत वातावरण और साफ पानी के लिए जाना जाता है. यहां आप समुद्री जीवन को करीब से देख सकते हैं और स्कूबा डाइविंग का आनंद ले सकते हैं
गोवा: गोवा में स्कूबा डाइविंग के लिए कई बेहतरीन स्थल हैं, जिनमें ग्रैंड आइलैंड, सूज़ीज़ रेक, सेल रॉक, डेवी जोन्स लॉकर और टर्बो टनल प्रमुख हैं. फरवरी से अप्रैल और सितंबर से नवंबर के बीच का समय स्कूबा डाइविंग के लिए सबसे उपयुक्त है.
केरल: केरल का कोवलम स्कूबा डाइविंग के लिए एक लोकप्रिय स्थल है, जहां लाइटहाउस बीच और हवाह बीच पर आप इस रोमांचक गतिविधि का आनंद ले सकते हैं. सितंबर से फरवरी के बीच का समय यहां स्कूबा डाइविंग के लिए सबसे अच्छा है.
कर्नाटक: कर्नाटक का नेत्रानी द्वीप, जिसे कबूतर द्वीप के नाम से भी जाना जाता है, स्कूबा डाइविंग के लिए एक बेहतरीन स्थल है. यहां आप विभिन्न प्रकार की मछलियों और अन्य समुद्री जीवों को करीब से देख सकते हैं. सितंबर से मई के बीच का समय यहां स्कूबा डाइविंग के लिए सबसे उपयुक्त है.
महाराष्ट्र: महाराष्ट्र का तारकरली स्कूबा डाइविंग के लिए एक लोकप्रिय स्थल है, जो सिंधुदुर्ग किले के पास स्थित है. यहां आप पैरासेलिंग और जेट स्कीइंग जैसे रोमांचक वॉटर स्पोर्ट्स का भी आनंद ले सकते हैं. अक्टूबर से मार्च के बीच का समय यहां स्कूबा डाइविंग के लिए सबसे अच्छा है.
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