रोहतक स्थित 'अपना घर' आश्रय स्थल को सील कर दिया गया है जिसके बारे में आरोप लगाए गए थे कि वहां महिलाओं और बच्चों का यौन उत्पीड़न और यातनाएं दी जाती थीं।
                                            
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                                        रोहतक स्थित अपना घर आश्रय स्थल को सील कर दिया गया है जिसके बारे में आरोप लगाए गए थे कि वहां महिलाओं और बच्चों का यौन उत्पीड़न और यातनाएं दी जाती थी। इसके पीछे पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं।
घर को शुक्रवार रात अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था एमएस मान के निर्देश पर सील कर दिया गया। मान को आश्रय स्थल में बच्चों और महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करने के लिए गठित विशेष जांच दल एसआईटी का प्रमुख बनाया गया है। पुलिस अधिकारियों ने पूरे आश्रयस्थल को सील करने की प्रक्रिया की वीडियो रिकार्डिंग कराई गई।
आश्रय स्थल सील करने के दौरान वहां पर कोई भी बच्चा या महिला नहीं थी क्योंकि उन्हें पहले ही रोहतक और राज्य के अन्य जिलों में स्थित अन्य गैर सरकारी संगठनों को स्थानांतरित कर दिया गया है। पुलिस ने बताया कि आश्रय स्थल को सील कर दिया गया है ताकि इस मामले की ताजा जांच की जा सके। एसआईटी के एक सदस्य ने कहा, ‘आश्रय स्थल में रहने वाले बच्चों और महिलाओं के रिकार्ड, दान पर्ची और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज आश्रय स्थल के अलग अलग कमरों में रखे गए हैं। इसलिए निष्पक्ष जांच के लिए सभी कमरों को सील करना जरूरी हो गया था।’
                                                                        
                                    
                                घर को शुक्रवार रात अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था एमएस मान के निर्देश पर सील कर दिया गया। मान को आश्रय स्थल में बच्चों और महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करने के लिए गठित विशेष जांच दल एसआईटी का प्रमुख बनाया गया है। पुलिस अधिकारियों ने पूरे आश्रयस्थल को सील करने की प्रक्रिया की वीडियो रिकार्डिंग कराई गई।
आश्रय स्थल सील करने के दौरान वहां पर कोई भी बच्चा या महिला नहीं थी क्योंकि उन्हें पहले ही रोहतक और राज्य के अन्य जिलों में स्थित अन्य गैर सरकारी संगठनों को स्थानांतरित कर दिया गया है। पुलिस ने बताया कि आश्रय स्थल को सील कर दिया गया है ताकि इस मामले की ताजा जांच की जा सके। एसआईटी के एक सदस्य ने कहा, ‘आश्रय स्थल में रहने वाले बच्चों और महिलाओं के रिकार्ड, दान पर्ची और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज आश्रय स्थल के अलग अलग कमरों में रखे गए हैं। इसलिए निष्पक्ष जांच के लिए सभी कमरों को सील करना जरूरी हो गया था।’
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