प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न विदेशों की तर्ज पर सिगरेट और दूसरे तम्बाकू प्रोडक्ट्स के पूरे पैकेट पर चेतावनी (pictorial warning) जारी की जाए।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर केंद्र को 4 सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट में उमेश नारायण शर्मा की तरफ से ये याचिका दायर की गयी है। याचिकाकर्ता वकील कैंसर से पीड़ित है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि जिस तरह से कैंसर की बीमारी बढ़ रही है, उसको देखते हुए महज़ 30 या 40 फीसदी पैकेट पर वॉर्निंग के बजाय पूरे पैकेट पर वार्निंग होनी चाहिए। कुछ देशों ने इस मामले को गंभीरता से लिया है जिसके चलते विदेशों में तम्बाकू उत्पाद और सिगरेट के पूरे पैकेट पर चेतावनी छापी जाती है। जिससे लोगों में इनके प्रयोग से होने वाले नुक्सान को लेकर जागरूकता लायी जा सके। लिहाजा, इस तरह की व्यवस्था लागू करने के लिए केंद्र सरकार को भी आदेश जारी किये जाए।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर केंद्र को 4 सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट में उमेश नारायण शर्मा की तरफ से ये याचिका दायर की गयी है। याचिकाकर्ता वकील कैंसर से पीड़ित है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि जिस तरह से कैंसर की बीमारी बढ़ रही है, उसको देखते हुए महज़ 30 या 40 फीसदी पैकेट पर वॉर्निंग के बजाय पूरे पैकेट पर वार्निंग होनी चाहिए। कुछ देशों ने इस मामले को गंभीरता से लिया है जिसके चलते विदेशों में तम्बाकू उत्पाद और सिगरेट के पूरे पैकेट पर चेतावनी छापी जाती है। जिससे लोगों में इनके प्रयोग से होने वाले नुक्सान को लेकर जागरूकता लायी जा सके। लिहाजा, इस तरह की व्यवस्था लागू करने के लिए केंद्र सरकार को भी आदेश जारी किये जाए।
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