देश में कोरोनावायरस (Coronavirus) पर काबू पाने के लिए लगाए गए 21 दिनों के लॉकडाउन के बाद प्रवासी मजदूरों के पलायन को लेकर दाखिल की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को फिर सुनवाई की. सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी दी गई. केंद्र सरकार की तरफ से तुषार मेहता ने कहा कि जिनमें भी वायरस के लक्षण पाए गए हैं उनको क्वॉरंटाइन में भेज दिया गया है और जिनमें कोई लक्षण नही हैं उनको 14 दिन के लिए आइसोलेशन में रखा गया है. इसके साथ ही एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम चलाया गया, ताकि 14 दिनों के लिए किसी भी यात्री की देखरेख की जा सके. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार को पांच अहम निर्देश दिए हैं.
सुप्रीम कोर्ट के 5 अहम निर्देश
शेल्टर होम में प्रवासियों को खाना, पानी, दवा और बिस्तर आदि सुविधाएं दी जाएं.
शेल्टर होम में काउंसलर और विभिन्न आस्थाओं से जुड़े लोग भेजे जाएं, जो लोगों को समझाएं और उनमें डर कम करें.
शेल्टर होम में वालंटियर तैनात हों ना कि पुलिस, लोगों पर बल का या धमकी का इस्तेमाल ना हो.
लोगों में जागरूकता फैलाने व उन्हें जानकारी देने के लिए एक्सपर्ट पैनल का गठन कर पोर्टल बनाया जाए.
फेक न्यूज फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो.