सुप्रीम कोर्ट लेफ्टिनेंट जनरल दलबीर सिंह सुहाग को आर्मी चीफ बनाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करने को राजी हो गया है।
लेफ्टिनेंट जनरल सुहाग मौजूदा सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह के रिटायर होने के बाद 1 अगस्त से नए सेना प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालने वाले हैं। लेकिन एक अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल रवि दस्ताने ने कहा है कि नए सेना प्रमुख का चयन पक्षपातपूर्ण है। सुप्रीम कोर्ट अगले महीने इस याचिका पर सुनवाई करेगा।
रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने पिछले दिनों कहा था कि अगले सेना प्रमुख के पद पर लेफ्टिनेंट जनरल दलबीर सिंह सुहाग की नियुक्ति का निर्णय अंतिम है और सैन्य बलों से जुड़े मुद्दों को राजनीति से अलग रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि देश में यह परंपरा रही है कि कुछ मुद्दे अंतरदलीय राजनीति से अलग रखे जाते हैं। उन्होंने कहा कि परिपक्वता का परिचय देते हुए सैन्य बलों से जुड़े मुद्दों को राजनीति से अलग रखा जाना चाहिए। ऐसा मुद्दा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नहीं उठाया जाना चाहिए।
जनरल वीके सिंह ने सेना प्रमुख के अपने अंतिम दिनों के कार्यकाल के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल दलबीर सिंह सुहाग पर अपनी खुफिया इकाई पर 'कमान एवं नियंत्रण रखने' में विफल रहने के लिए 'अनुशासन एवं सतर्कता प्रतिबंध' लगा दिए थे, जो तब तीन कोर के कमांडर थे।
बिक्रम सिंह के सेना प्रमुख बनते ही प्रतिबंध हटा लिए गए थे और सुहाग को पूर्वी सेना का कमांडर नियुक्त किया गया था। रक्षा मंत्रालय ने लेफ्टिनेंट जनरल रवि दस्ताने से संबंधित पदोन्नति मामले में हाल में दायर एक हलफनामे में कहा है कि सुहाग के खिलाफ अनुशासनात्मक रोक के लिए जिन खामियों को आधार बनाया गया वे ‘जानबूझकर’, ‘अस्पष्ट’ और ‘अवैध’ थीं।
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