
- BJP भारत के पहले उपप्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती पर पूरे देश में सरदार@150 अभियान चलाएगी
- बिहार विधानसभा चुनाव के कारण वहां यह अभियान नहीं चलेगा, लेकिन इसे राजनीतिक संदर्भ में देखा जा रहा है
- अभियान की थीम एक भारत, आत्मनिर्भर भारत, एकजुट भारत, विकसित भारत है
भारत के पहले उपप्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की डेढ़ सौवीं जयंती के अवसर पर बीजेपी पूरे देश में सरदार@150 अभियान चलाने जा रही है. यह अभियान तीन हिस्सों में चलाया जाएगा. हालांकि, बिहार में यह अभियान नहीं चलाया जाएगा क्योंकि वहां विधानसभा चुनाव हो रहे हैं लेकिन इस अभियान को बिहार के चुनाव और वहां के राजनीतिक समीकरणों से भी जोड़ कर देखा जा रहा है.
इस अभियान की तैयारियों की समीक्षा के लिए बुधवार को बीजेपी मुख्यालय में एक बड़ी बैठक हुई. राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल ने इस बैठक की अध्यक्षता की और इस अभियान के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई. सरदार@150 अभियान की थीम एक भारत, आत्मनिर्भर भारत, एकजुट भारत, विकसित भारत है. इसका उद्देश्य भारत को एकजुट करने में सरदार पटेल की विरासत को याद करना और देश के युवाओं को राष्ट्रनिर्माण के लिए प्रेरित करना है.
तीन हिस्सों में चलने वाला यह अभियान सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती 31 अक्तूबर से शुरू होगा. इसे 6 दिसंबर बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस तक चलाया जाएगा. पहले चरण में हर लोकसभा क्षेत्र में तीन दिनों की पदयात्रा होगी. इसके बाद हर लोकसभा सीट से पांच युवा सड़क से सरदार पटेल के जन्मस्थान गुजरात के कर्मसद तक जाएंगे. हर लोकसभा क्षेत्र में यात्राएं निकाली जाएंगी जिनमें सांसद, मंत्री, विधायक और प्रबुद्ध लोग शामिल होंगे. इसके बाद 26 नवंबर को संविधान दिवस पर कर्मसद से केवड़िया तक की डेढ़ सौ किलोमीटर की पदयात्रा शुरू की जाएगी जो छह दिसंबर को समाप्त होगी.
दिल्ली के युवाओं के लिए एक खास कार्यक्रम है जिसमें 150 युवा यमुना नदी का पानी लेकर देश भर की 25 नदियों तक जाएंगे और वहां यमुना का जल समर्पित किया जाएगा. फिर उन नदियों का पानी दिल्ली लाया जाएगा और पटेल चौक पर सरदार पटेल की प्रतिम को अर्पित किया जाएगा. इस अभियान के लिए एक डॉक्यूमेंट्री भी बनाई गई है.
इस अभियान का राजनीतिक महत्व है. इस अभियान में राष्ट्रीय एकता का संदेश तो है ही, साथ ही किसान और कुर्मी समाज को भी बड़ा संदेश है. गौरतलब है कि कुर्मी वोट बिहार चुनाव में खासे महत्वपूर्ण हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसी जाति से हैं. साथ ही, किसान और युवाओं की भी बिहार चुनाव में बड़ी भूमिका है. ऐसे में देश भर के युवाओं को सरदार पटेल के नाम पर संगठित करने को भी राजनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
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