मदन मित्रा को 12 दिसंबर, 2014 को गिरफ्तार किया गया था
कोलकाता:
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के नेता व पूर्व मंत्री मदन मित्रा शनिवार को जेल से रिहा हो गए, लेकिन अदालत की शर्तों के कारण वह अपने घर नहीं जा सके. करोड़ों रुपये के शारदा चिटफंड मामले में मित्रा जेल में बंद थे, जिन्हें शुक्रवार को जमानत मिली थी. घर जाने की बजाय वह कोलकाता के भवानीपुर पुलिस थाना क्षेत्र में स्थित एक लॉज में ठहरे हैं.
जेल में 21 महीने बिताने के बाद अलीपुर जेल से सुबह सात बजे के आसपास वह रिहा हो गए, जिसके बाद उन्हें घर की बजाय एक होटल में ले जाया गया. दरअसल, उनका निवास कालिघा पुलिस थाना क्षेत्र में है.
उन्होंने कहा, 'अब मैं पूरा आराम करूंगा. मैं बेहद खुश हूं. मैं अपने परिवार और पोते महारूप के साथ वक्त बिताऊंगा. मैं अदालत की सभी शर्तों का पालन करुंगा.' जेल से निकलने के बाद मित्रा ने कहा, 'मैं सीबीआई का तहे दिल से सहयोग करुंगा. मैं कानून नहीं तोड़ूंगा. अब मैं दुर्गा पूजा की खुशियां मनाना चाहता हूं.'
उनके राजनीतिक भविष्य के बारे में पूछे जाने पर मित्रा ने कहा कि डॉक्टरों ने मुझे फिलहाल किसी भी राजनीतिक चर्चा से दूर रहने को कहा है. उन्होंने कहा, 'मैं अपने परिजनों के साथ समय व्यतीत करने का इंतजार कर रहा हूं. समय साबित कर देगा कि मैं निर्दोष हूं.' मित्रा के वकीलों ने जमानत आदेश में एक संशोधन के लिए अदालत का रुख करने का फैसला किया है, ताकि वे घर लौट सकें.
अलीपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी उत्तम कुमार नंदी ने शुक्रवार को मित्रा को 15 लाख रुपये के दो मुचलके पर जमानत दे दी. इसके अलावा, उनके पासपोर्ट को सीबीआई के पास जमा करा दिया गया है. अदालत ने मित्रा को शहर न छोड़ने तथा सीबीआई के समक्ष समय-समय पर पेश होने का आदेश दिया है.
मित्रा को 12 दिसंबर, 2014 को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद से वह जेल की सलाखों के पीछे थे. अक्टूबर 2015 में एक निचली अदालत ने उन्हें जमानत दी थी, लेकिन कलकत्ता हाईकोर्ट ने बाद में उनकी जमानत रद्द कर दी थी.
इस बीच, सीबीआई मित्रा की जमानत के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट में अपील कर सकती है. उधर, प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मदन मित्रा की रिहाई पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. वेटिकन व जर्मनी के एक सप्ताह लंबे दौरे के बाद वापस लौटने पर हवाईअड्डे पर संवाददाताओं ने सवालों की बौछार कर दी. उन्होंने कहा, 'मैं कुछ नहीं कहूंगी.'
शारदा घोटाले में धोखाधड़ी, साजिश व आपराधिक विश्वासघात के आरोप में पूर्व परिवहन व खेल मंत्री मित्रा को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जांच को अपने हाथ में लेने के बाद गिरफ्तार किया था.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
जेल में 21 महीने बिताने के बाद अलीपुर जेल से सुबह सात बजे के आसपास वह रिहा हो गए, जिसके बाद उन्हें घर की बजाय एक होटल में ले जाया गया. दरअसल, उनका निवास कालिघा पुलिस थाना क्षेत्र में है.
उन्होंने कहा, 'अब मैं पूरा आराम करूंगा. मैं बेहद खुश हूं. मैं अपने परिवार और पोते महारूप के साथ वक्त बिताऊंगा. मैं अदालत की सभी शर्तों का पालन करुंगा.' जेल से निकलने के बाद मित्रा ने कहा, 'मैं सीबीआई का तहे दिल से सहयोग करुंगा. मैं कानून नहीं तोड़ूंगा. अब मैं दुर्गा पूजा की खुशियां मनाना चाहता हूं.'
उनके राजनीतिक भविष्य के बारे में पूछे जाने पर मित्रा ने कहा कि डॉक्टरों ने मुझे फिलहाल किसी भी राजनीतिक चर्चा से दूर रहने को कहा है. उन्होंने कहा, 'मैं अपने परिजनों के साथ समय व्यतीत करने का इंतजार कर रहा हूं. समय साबित कर देगा कि मैं निर्दोष हूं.' मित्रा के वकीलों ने जमानत आदेश में एक संशोधन के लिए अदालत का रुख करने का फैसला किया है, ताकि वे घर लौट सकें.
अलीपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी उत्तम कुमार नंदी ने शुक्रवार को मित्रा को 15 लाख रुपये के दो मुचलके पर जमानत दे दी. इसके अलावा, उनके पासपोर्ट को सीबीआई के पास जमा करा दिया गया है. अदालत ने मित्रा को शहर न छोड़ने तथा सीबीआई के समक्ष समय-समय पर पेश होने का आदेश दिया है.
मित्रा को 12 दिसंबर, 2014 को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद से वह जेल की सलाखों के पीछे थे. अक्टूबर 2015 में एक निचली अदालत ने उन्हें जमानत दी थी, लेकिन कलकत्ता हाईकोर्ट ने बाद में उनकी जमानत रद्द कर दी थी.
इस बीच, सीबीआई मित्रा की जमानत के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट में अपील कर सकती है. उधर, प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मदन मित्रा की रिहाई पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. वेटिकन व जर्मनी के एक सप्ताह लंबे दौरे के बाद वापस लौटने पर हवाईअड्डे पर संवाददाताओं ने सवालों की बौछार कर दी. उन्होंने कहा, 'मैं कुछ नहीं कहूंगी.'
शारदा घोटाले में धोखाधड़ी, साजिश व आपराधिक विश्वासघात के आरोप में पूर्व परिवहन व खेल मंत्री मित्रा को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जांच को अपने हाथ में लेने के बाद गिरफ्तार किया था.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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