
बिहार बोर्ड रिजल्ट 10th 2025: बिहार में बेटियों ने फिर कमाल किया है. 12वीं में तीनों स्ट्रीम में टॉप करने के बाद 10वीं मे भी बेटियों ने मैदान मारा है. शनिवार को घोषित बिहार बोर्ड के 10वीं के रिजल्ट में टॉपर्स की हैट-ट्रिक लगी है. इनमें बेटियों ने बाजी मारी है. दो छात्राओं और एक छात्र ने मिलकर पूरे प्रदेश में टॉप किया है. तीनों के 489 नंबर आए हैं. जानिए कौन कौन हैं 10वीं में बिहार बोर्ड के ये 3 टॉपर्स-
- समस्तीपुर की साक्षी टॉपर बनी हैं. (नंबर: 489, पर्सेंट: 97.8%)
- भोजपुर के रंजन ने भी टॉप किया है (नंबर: 489, पर्सेंट: 97.8%)
- पश्चिम चंपारण के गहेरी की अशु टॉपर हैं (नंबर: 489, पर्सेंट: 97.8%)
बिहार सरकार ने टॉपर्स के लिए इनाम भी घोषित किया है. जानिए
- पहले टॉपरः 2 लाख रुपये और लैपटॉप
- दूसरे टॉपरः डेढ़ लाख रुपये
- तीसरे नंबर वाले टॉपर: 1 लाख रुपये
Bihar Board Result Kaise Check karen
(आप फटाफट अपना रिजल्ट यहां देख सकते हैं. क्लिक करें )
टॉप 10 में 123 छात्र-छात्राएं
बिहार बोर्ड के मैट्रिक के रिजल्ट की खास बात यह है कि टॉप 10 में 123 छात्र-छात्राएं शामिल हैं. टॉपर्स की बात करें तो लड़के और लड़कियों के बीच गजब कंपीटिशन चला है. टॉप 10 में आए 123 में 60 छात्राएं और 60 छात्र शामिल हैं.
कितने हुए पास
बिहार में 15.58 लाख बच्चों ने 10वीं का एग्जाम दिया था. बोर्ड एग्जाम में 12 लाख 79 हजार 294 छात्र सफल घोषित किए गए हैं.
पूरे बिहार में 10वीं में कितने फर्स्ट
- फर्स्ट डिविजन: 4 लाख 70 हजार 845
- सेकेंड डिविजन: 2 लाख 84 हजार 12
- थर्ड डिविजन: 3 लाख 7 हजार 792
कंपार्टमेंट और स्क्रूटनी की तारीख पढ़ लें
बिहार में कुल मिलाकर 82.11 पर्सेंट पास हुए हैं. बिहार बोर्ड के मुताबिक जो छात्र पास नहीं हो पाए हैं, उनके लिए 4 अप्रैल से 12 अप्रैल के बीच कंपार्टमेंट फॉर्म भरे जाएंगे. जो छात्र अपने नंबरों से संतुष्ट नहीं हैं, वे भी स्क्रूटनी के लिए आवेदन कर सकते हैं.
बिहार में सबसे जल्दी रिजल्ट का रेकॉर्ड
बिहार विद्यालय प्रशासन ने लगातार सातवें साल और इंटर और मैट्रिक की रिजल्ट घोषित किया है. बिहार बोर्ड ने बताया कि 31 मार्च को रिजल्ट घोषित किया जाता रहा था, लेकिन बिहार में इस बार 10वीं का रिजल्ट सबसे पहले घोषित करने का रेकॉर्ड भी बना है.
जानें कैसे कंप्यूटर में फीड किए गए नंबर
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने रिजल्ट घोषित करते हुए बताया कि कैसे बिहार ने इतनी जल्दी यह काम किया. जानिए उन्होंने क्या बताया.
1-केंद्रों पर फास्ट सॉफ्टवेयर लगाए गए थे
2-सभी मूल्यांकन केंद्र पर कंप्यूटर लगाए गए थे
3-वहां से नंबरों की सर्वर में सीधे एंट्री की गई
4-सभी कॉपियों की बार कोडिंग की गई थी
5-सभी बार कोडिंग केंद्रों पर कंप्यूटर लगे थे
6-सभी कॉपियों की एंट्री तत्काल करवाई गई.
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