
राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने सचिन पायलट (Sachin Pilot) को निकम्मा और नकारा कहा था. इस पर सचिन पायलट का कहना है कि ''मुझे तकलीफ है कि मुझे निक्कमा, नकारा कहा गया. मैं काफ़ी आहत था. एक व्यक्ति के तौर पर मुझे बहुत दुख हुआ. पर मेरी परवरिश में मुझे हमेशा बड़ों का सम्मान करना सिखाया गया और मैं सम्मान करता रहूंगा. गहलोत जी मुझसे बहुत बड़े हैं.'' सचिन पायलट ने मंगलवार को NDTV से खास बातचीत में एक सवाल के जवाब में यह बात कही.
कांग्रेस के नेता और राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने कहा कि ''मुझ पर राजद्रोह की धारा लगाई गई. मैंने ऐसा क्या किया था? क्या पार्टी के भीतर सवाल उठाना राजद्रोह है? फिर शायद कोर्ट के डर से मुक़दमा वापस ले लिया.'' उन्होंने कहा कि ''मैं कहीं नहीं जा रहा हूं. मैं यहीं राजस्थान की जनता के बीच हूं और रहूंगा. राहुल जी से क्या बात हुई, वह मैं आपको नहीं बताऊंगा लेकिन उन्होंने हमारी सारी शिकायतों को सुलझाने का भरोसा दिलाया है.''
सवाल- आप अशोक गहलोत से मिलेंगे तो क्या कहेंगे? पर सचिन पायलट ने जवाब दिया कि ''मैं हमेशा उनके साथ सम्मान से मिला हूं. मुस्करा के मिलूंगा. मैंने कभी उनके ख़िलाफ़ कुछ नहीं कहा. मेरी व्यक्तिगत कोई नाराज़गी नहीं है, सब काम को लेकर बात थी.'' उन्होंने कहा कि ''सारे विधायक कांग्रेस के हैं. हमने साथ चुनाव लड़ा है और पसीना बहाया है. हमेशा पार्टी के साथ रहा हूं. मैं कोर्ट कचहरी कर रहा था अपनी सदस्यता बचाने के लिए. मेरे सारे विधायकों ने रहने खाने का बिल अपने पास से दिया है. हमने वक़ील की फ़ीस अपने पास से दी है.''
जयपुर पहुंचे सचिन पायलट, कहा - पार्टी के भीतर अपनी बातों को उठाना विद्रोह नहीं, कोई मांग नहीं की
अब सचिन पॉयलट क्या करेंगे, कोई पद नहीं है? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि ''मैं विधायक हूं. जनता ने मुझे चुनकर भेजा है. मुझे पार्टी ने जो काम दिया अच्छे से निभाया और निभाता रहूंगा.''
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