पणजी:
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर ने सोमवार को शिक्षा के अधिकार (आरटीई) कानून को केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल की ‘बिल्कुल मूखर्तापूर्ण नीति’ बताया।
पार्रिकर ने बातचीत में ‘एक ही कक्षा में रोककर नहीं रखने’ संबंधी अनुच्छेद पर आपत्ति जताते हुए कहा, ‘‘आरटीई कानून कपिल सिब्बल की बिल्कुल मूखर्तापूर्ण नीति है। इस नीति में कुछ ऐसे मानदंड हैं जो गलत हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘एक ही कक्षा में रोककर नहीं रखने की नीति अच्छी है लेकिन उसे लागू करने के कुछ मानदंड होने चाहिए। आरटीई के बाद अध्ययन महज तमाशा रह गया है।’’
शिक्षा विभाग का भी प्रभार संभालने वाले मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘छात्र परीक्षा में बैठते हैं। वे शिक्षकों से कहते हैं कि उन्हें परीक्षा में शामिल होने की परवाह नहीं है क्योंकि उन्हें पता है कि वे उत्तीर्ण होने जा रहे हैं।’’
पार्रिकर ने बातचीत में ‘एक ही कक्षा में रोककर नहीं रखने’ संबंधी अनुच्छेद पर आपत्ति जताते हुए कहा, ‘‘आरटीई कानून कपिल सिब्बल की बिल्कुल मूखर्तापूर्ण नीति है। इस नीति में कुछ ऐसे मानदंड हैं जो गलत हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘एक ही कक्षा में रोककर नहीं रखने की नीति अच्छी है लेकिन उसे लागू करने के कुछ मानदंड होने चाहिए। आरटीई के बाद अध्ययन महज तमाशा रह गया है।’’
शिक्षा विभाग का भी प्रभार संभालने वाले मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘छात्र परीक्षा में बैठते हैं। वे शिक्षकों से कहते हैं कि उन्हें परीक्षा में शामिल होने की परवाह नहीं है क्योंकि उन्हें पता है कि वे उत्तीर्ण होने जा रहे हैं।’’
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