राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुखपत्र पांचजन्य (Panchjanya) में तुर्की के राष्ट्रपति की बीवी से मिलने और चीनी उत्पादों का प्रमोशन करने के मामले में बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान (Aamir Khan) पर निशाना साधते हुए तीखे सवाल पूछे गए हैं. 'पांचजन्य' में ‘ड्रैगन का प्यारा खान' शीर्षक के लेख में आमिर खान पर निशाना साधा गया है. लेख में कहा गया कि आजादी से पहले और बाद में लगातार देशभक्ति की लौ जगाने वाली फ़िल्में बनती रहीं लेकिन फिर सिनेमा को पश्चिम की हवा लगी और ये नेपथ्य में चली गईं. अब फिर से पिछले 5-6 वर्ष से देशभक्ति की फ़िल्मों का उभार आया, लेकिन दूसरी तरफ़ ऐसे अभिनेता और फ़िल्मकार हैं जिन्हें अपने देश से दुश्मनी पालने वाले चीन और तुर्की जैसे देश ज्यादा पसंद है.
'लाल सिंह चड्ढा' की शूटिंग के लिए आमिर पहुंचे तुर्की, सोशल मीडिया पर फोटो हुई वायरल
लेख में कहा गया है कि मुस्लिम उम्मा का ख़लीफ़ा बनने को बेताब तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एरदुगान की पत्नी के साथ आमिर खान की फोटो प्रचारित हो रही है. चीन में आमिर खान की फ़िल्में क्यों शानदार कारोबार करती हैं जबकि अन्य सितारे और निर्माता असफल हो जाते हैं. आमिर खान चीनी वीवो मोबाइल के ब्रांड एंबेसेडर हैं जो सुरक्षा नियमों की अनदेखी करता है.
आर्टिकल में सवाल उठाया गया है कि ऐसा क्यों है कि आमिर खान की 'दंगल' चीन में खूब कमाई करती है पर उसी विषय वस्तु की सलमान खान (Salman Khan)की फिल्म 'सुल्तान' धूल चाट जाती है. अगर आमिर खान खुद को सेक्युलर मानते हैं तो तुर्की में शूटिंग करने की क्यों सोच रहे हैं जबकि वह देश तो जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान का समर्थन करता है. लोग आमिर खान का वह इंटरव्यू नहीं भूले जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘मेरी पत्नी किरण राव को भारत में डर लगता है और भारत में असहिष्णु बढ़ गई है.' संघ की पत्रिका में कहा गया है कि आमिर एक ऐसे देश के नेता के इशारे पर क्यों चल रहे हैं जिसके शासन में पत्रकारों को सबसे ज्यादा संख्या में क़ैद किया गया. मानवाधिकारों का उल्लंघन आम बात है और सोशल मीडिया पर कभी भी पाबंदी लगा दी जाती है.
जानिए ट्रोलर्स के निशाने पर क्यों हैं आमिर खान
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