राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) से जुड़े श्रम संगठन भारतीय मजदूर संघ (BMS) के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बुधवार को भारत सरकार के श्रम सुधार के एजेंडे और संसद में पारित 3 लेबर कोड बिल के खिलाफ श्रम मंत्रालय के सामने और देश के 700 जिलों में विरोध प्रदर्शन किया.
भारतीय मजदूर संघ के नेताओं ने कहा है कि इन विरोध प्रदर्शनों के जरिए उन्होंने सरकार को यह संदेश दिया है कि उसने श्रम सुधारों के जरिए मजदूरों के साथ अन्याय किया है. सरकार ने मजदूरों को दिए गए वायदों को तोड़ा है.
भारतीय मजदूर संघ का आरोप है की सभी लेबर कोड बिल में बदलाव की जो मांग उन्होंने संसद की स्थाई समिति के सामने रखी थी, उसे सरकार ने नजरअंदाज कर दिया.
भारतीय मजदूर संघ के नेताओं ने श्रम मंत्री को मौजूदा श्रम सुधार कानूनों में बदलाव की मांग पर एक ज्ञापन सौंपा है. श्रम मंत्री ने भारतीय मजदूर संघ के नेताओं को सोमवार को बातचीत के लिए बुलाया है
बता दें कि मानसून सत्र के आखिरी दिन संसद ने श्रम सुधार से जुड़े तीन बिल को मंजूरी दे दी. इसके तहत कंपनियों को बंद करने के नियम में ढील दी गई है. विधेयक के प्रस्ताव के मुताबिक अधिकतम 300 कर्मचारियों वाली कंपनियों को बिना सरकार की इजाजत के लोगों को नौकरी से हटाने के अधिकार दिए गए हैं.
23 सितंबर को राज्यसभा ने कोड ऑफ ऑक्यूपेश्नल सेफ्टी (Code on Occupational Safety), हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन (Health and Working Conditions) और इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड एंड सोशल सिक्योरिटी कोड (Industrial Relations Code and Social Security Code) को ध्वनिमत से पारित कर दिया. लोकसभा पहले ही मंगलवार (22 सितंबर) को इसे पारित कर चुका था.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं