
- सुनील आंबेकर ने कहा कि आरएसएस ने लंबे समय से स्पष्ट रुख अपनाया है कि सभी भारतीय भाषाएं राष्ट्रीय भाषाएं हैं.
- सुनील आंबेकर ने बताया कि बैठक में मणिपुर के स्थिति पर चर्चा हुई. उन्होंने बताया कि मणिपुर में जल्द से जल्द शांति स्थापित हो.
- उन्होंने बताया कि मणिपुर में जल्द शांति स्थापित हो, इसे लेकर बैठक में चर्चा की गई.
- उन्होंने बताया कि प्रांत प्रचारकों की बैठक में सीमावर्ती प्रांतों से भी लोग आए थे, उन्होंने वहां पर चल रहे लोक कल्याण के कार्यों की जानकारी दी.
मराठी भाषा विवाद के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने सोमवार को कहा कि आरएसएस ने इस मुद्दे पर लंबे समय से स्पष्ट रुख अपनाया है कि सभी भारतीय भाषाएं राष्ट्रीय भाषाएं हैं. आंबेकर दिल्ली में प्रांत प्रचारकों की तीन दिवसीय बैठक के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे. इस दौरान उन्होंने कई जानकारी साझा की. साथ ही कहा कि उसके स्वयंसेवक जातीय हिंसा से जूझ रहे मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच बातचीत को बढ़ावा देकर राज्य में तनाव में कमी लाने का प्रयास कर रहे हैं और धीरे-धीरे शांति लौट रही है.
आरएसएस नेता सुनील आंबेकर से एक पत्रकार ने हालिया भाषा विवाद को लेकर सवाल पूछा था. इस पर आंबेकर ने कहा कि संघ का हमेशा से यह रुख रहा है कि भारत की सभी भाषाएं राष्ट्रीय भाषाएं हैं. लोग अपने-अपने स्थानों पर अपनी भाषा बोलते हैं. प्राथमिक शिक्षा उसी भाषा में दी जानी चाहिए, जिसकी सभी मांग कर रहे हैं. यह पहले से ही स्थापित है.
मणिपुर में शांति बहाल करने की कोशिश: आंबेकर
सुनील आंबेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दिल्ली में प्रांत प्रचारकों की तीन दिवसीय बैठक में शामिल प्रतिनिधियों ने मणिपुर की मौजूदा स्थिति और राज्य में हो रहे सकारात्मक घटनाक्रमों के बारे में जानकारी साझा की. आंबेकर ने रविवार को संपन्न हुई बैठक के निष्कर्षों के बारे में जानकारी देते हुए कहा, ‘‘देशभर से लोग बैठक में शामिल होने आए. उन्होंने यह भी जानकारी साझा की कि (आरएसएस के) स्वयंसेवक कैसे जल्द से जल्द वहां (मणिपुर में) शांति बहाल करने और सद्भाव स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं.''
मणिपुर में स्थिति में हुआ है सुधार: आंबेकर
उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए वे (आरएसएस के स्वयंसेवक) मैतेई और कुकी समुदायों तथा सभी लोगों के बीच बातचीत को बढ़ावा दे रहे हैं, ताकि उनके बीच अच्छा माहौल बने. वे इसके लिए प्रयास कर रहे हैं.''
आंबेकर ने दावा किया कि मणिपुर में पिछले साल के मुकाबले स्थिति में सुधार हुआ है.
उन्होंने कहा, ‘‘उनके (प्रतिनिधियों के) अनुभव से कई सकारात्मक बातें सामने आई हैं. (स्थिति को पूरी तरह से सामान्य होने में) कुछ और समय लगेगा, लेकिन उनके (आरएसएस की बैठक में शामिल हुए प्रतिनिधियों) माध्यम से कुछ सकारात्मक खबरें मिली हैं.''
साथ ही उन्होंने बताया कि प्रांत प्रचारकों की बैठक में सीमावर्ती प्रांतों से भी लोग आए थे, उन्होंने वहां पर चल रहे लोक कल्याण के कार्यों की जानकारी दी. इस दौरान देश की सुरक्षा को लेकर भी चर्चा हुई.
RSS के शताब्दी वर्ष को लेकर भी बैठक में चर्चा
आरएसएस की स्थापना विजयादशमी के दिन 27 सितंबर 1925 को की गई थी. इस साल विजयादशमी 2 अक्टूबर को है. इसी के साथ आरएसएस की स्थापना के 100 वर्ष पूरे हो जाएंगे. आंबेकर ने कहा कि शताब्दी वर्ष को लेकर भी बैठक में चर्चा की गई.
आंबेकर ने बताया कि आरएसएस की ओर से प्रशिक्षण वर्ग चलाए जाते हैं. उन्होंने बताया कि 40 वर्ष की आयु से नीचे के प्रशिक्षण वर्ग में 17609 स्वयंसेवकों ने भाग लिया.
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