प्रतीकात्मक फोटो
तिरुअनंतपुरम:
"नोटबंदी और राजनीतिक हिंसा" के खिलाफ विरोध के तौर पर सिर्फ चार दिन पहले माकपा में शामिल होने वाले एक स्थानीय आरएसएस नेता ने संघ परिवार में वापसी कर ली है. 'हिंदू ऐक्य वेदी' के पूर्व प्रांत सचिव पी पद्मकुमार संघ के साथ अपने चार दशक लंबे संबंध को तोड़कर 27 नवंबर को माकपा में शामिल हो गए थे.
माकपा जिला सचिव अनावूर नागप्पन की उपस्थिति में पद्मकुमार ने बताया था कि भाजपा-आरएसएस की 'राजनीतिक हिंसा' और 'अमानवीय रुख' से उकताकर उन्होंने माकपा में शामिल होने का फैसला किया. बहरहाल, बीती शाम 'युवा मोर्चा' की ओर से आयोजित एक बैठक में पद्कुमार ने संघ परिवार में आपनी वापसी की घोषणा की.
उन्होंने आरोप लगाया, "माकपा में रहने के दौरान मेरे अनुभव और भावनाएं आईएस आतंकवादियों के बीच पकड़े गए किसी राष्ट्रवादी के समान थी." उन्होंने यह भी दावा किया कि 27 नवंबर को हुए प्रेस कांफ्रेंस में माकपा नेताओं ने जो प्रेस विज्ञप्ति वितरित की उसमें उनके विचारों को प्रदर्शित नहीं किया गया.
माकपा में शामिल होने के अपने फैसले की घोषणा करते हुए पद्मकुमार ने कहा था, "मैं आरएसएस के अमानवीय रवैये और राजनीतिक हिंसा के खिलाफ हूं. 1,000 रपये और 500 रपये के नोटों की नोटबंदी वो आखिरी मुद्दा थी और फिर मैंने संगठन छोड़ने का फैसला कर लिया."
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
माकपा जिला सचिव अनावूर नागप्पन की उपस्थिति में पद्मकुमार ने बताया था कि भाजपा-आरएसएस की 'राजनीतिक हिंसा' और 'अमानवीय रुख' से उकताकर उन्होंने माकपा में शामिल होने का फैसला किया. बहरहाल, बीती शाम 'युवा मोर्चा' की ओर से आयोजित एक बैठक में पद्कुमार ने संघ परिवार में आपनी वापसी की घोषणा की.
उन्होंने आरोप लगाया, "माकपा में रहने के दौरान मेरे अनुभव और भावनाएं आईएस आतंकवादियों के बीच पकड़े गए किसी राष्ट्रवादी के समान थी." उन्होंने यह भी दावा किया कि 27 नवंबर को हुए प्रेस कांफ्रेंस में माकपा नेताओं ने जो प्रेस विज्ञप्ति वितरित की उसमें उनके विचारों को प्रदर्शित नहीं किया गया.
माकपा में शामिल होने के अपने फैसले की घोषणा करते हुए पद्मकुमार ने कहा था, "मैं आरएसएस के अमानवीय रवैये और राजनीतिक हिंसा के खिलाफ हूं. 1,000 रपये और 500 रपये के नोटों की नोटबंदी वो आखिरी मुद्दा थी और फिर मैंने संगठन छोड़ने का फैसला कर लिया."
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