आदित्य सचदेवा (दाएं) को कथित तौर पर रॉकी यादव ने ओवरटेक करने पर गोली मार दी (फाइल फोटो)
पटना:
पांच दोस्त, इनमें सभी लड़के थे, बर्थडे पार्टी से घर के लिए निकले थे. इन दोस्तों में से एक ने इसके लिए अपने पिता की मारुति स्विफ्ट ली थी. गया की सड़कें उस दिन रोजमर्रा की तरह व्यस्त थीं. इन किशोरों को घर जाने की कोई खास जल्दी नहीं थी और ये बातचीत में व्यस्त थे.
ऐसे में जब उन्होंने एक लैंडरोवर को ओवरटेक किया और उन्होंने इसके परिणाम के बारे में नहीं सोचा था. कुछ मिनट बाद एसयूवी इनके साथ चलने लगी और मारुति को उसे रास्ता देने को कहा. सिल्वर कलर की इस लैंडरोवर, जिसमें तीन लोग सवार थे, से मारुति को धीमा होने की चेतावनी के साथ फायर किया गया और तेजी से आगे निकल गई. इसके बाद लैंडरोवर ने मारुति का रास्ता रोक लिया. अगले कुछ मिनटों में, छोटी कार में सवार चार लड़के, स्टूडेंट से पांचवे सवार की हत्या के गवाह में तब्दील हो गए. आगे की सीट पर सवार स्टूडेंट का नाम आदित्य सचदेवा था.
अपने पिता की कार से दोस्तों को ले जा रहे नासिर हुसैन ने कोर्ट में गवाही के दौरान बताया, 'पिस्तौल लिए शख्स ने कहा था, 'या तो तुम रुको वरना हम तुम्हें मार देंगे, उसने मुझे मारना शुरू कर दिया. उसने कहा, मेरा नाम रॉकी यादव है. पिटाई के कारण मेरी नाक से खून बह रहा था.' उसने कहा, 'डरकर मैंने गाड़ी को आगे बढ़ाना चाहा लेकिन मुझे एक गोली की आवाज सुनाई दी. हमने बचने के लिए अपना सिर नीचे झुका लिया. इस दौरान पीछे की सीट पर बैठे आयुष ने कहा कि आदित्य को गोली लगी है.'
सचदेवा के दोस्तों के अनुसार, एक स्थानीय नेता के बेटा रॉकी बाद में लैंडरोवर से भाग निकला. अगले दो दिन तक 21 साल का युवक पुलिस को चकमा देता रहा. बाद में उसे अपने पिता बिंदी यादव की फैक्टरी से 10 लाख रुपये की पिस्तौल के साथ पकड़ा गया. आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यवसायी बिंदी को पावरफुल राजनेता माना जाता है.
रॉकी यादव का वास्तविक नाम है राकेश रंजन. उसके वकीलों का कहना है कि इस बात के कोई सीधे सबूत नहीं हैं कि उसने सचदेवा की हत्या की. वकीलों के अनुसार, उसका इरादा हवा में गोली चलाने का था, किसी पर गोली चलाने का नहीं. इस सप्ताह के प्रारंभ में पटना हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद उसके शीघ्र घर पहुंचने की संभावना है. वैसे राज्य सरकार ने कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट के समक्ष यादव को जेल वापस भेजने की गुहार लगाएगी क्योंकि वह मुख्य गवाहों को 'प्रभावित' कर सकता है.
रॉकी की मां मनोरमा देवी, सत्तारूढ़ जनता दल-यूनाइटेड की प्रमुख स्थानीय नेता थीं, लेकिन पुत्र की गिरफ्तारी के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया है. आदित्य सचदेवा की मौत के समय उन्हें राज्य की ओर से सुरक्षा हासिल थी. मनोरमा ने अपने गार्डों में से एक, पुलिस कांस्टेबल राजेश कुमार को उस दिन बेटे (रॉकी) और उसके चचेरे भाई के साथ शाम को जाने को कहा था. सुरक्षा गार्ड पर आदित्य सचदेवा की हत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है. रॉकी यादव की तरह उसे भी जमानत मिल गई है. कोर्ट में उसकी गवाही अब तक नहीं हुई है. पुलिस को दिए अपने बयान में उसने कहा है कि रॉकी ने गुस्से में दो बार फायर किया.
उसने बताया, 'स्विफ्ट में तेज आवाज में म्यूजिक बज रहा था. हमें ओवरटेक करने के बाद, सवारों ने हमारा मजाक बनाना शुरु कर दिया. रॉकी को इससे गुस्सा आ गया और उसने और तेज ड्राइव करना शुरू कर दिया. उसने आगे निकलने की कोशिश की, लेकिन स्विफ्ट वाले ने सहयोग नहीं किया...बेहद गुस्से में आए रॉकी ने अपनी पिस्तौल निकाली और हवा में फायर किया. स्विफ्ट ड्राइवर ने एक मंदिर के नजदीक कार रोकी और हम सब एसयूवी से बाहर निकल आए.'
गार्ड ने बताया , 'रॉकी बाबू ने स्विफ्ट में सवार लोगों को पीटना शुरू कर दिया. उसने कहा, 'क्या तुम नहीं जानते मैं बिंदी यादव का बेटा हूं? स्विफ्ट ड्राइवर के बेटे ने गाड़ी बढ़ाने की कोशिश की लेकिन रॉकी उसे कार से बाहर खींचने का प्रयास कर रहा था और ड्राइवर का संतुलन बिगड़ गया. इसी समय रॉकी ने फायर किया और गोली पीछे के विंडशील्ड में लगी., बॉडी गार्ड ने बताया कि वहां से रॉकी एसयूवी ड्राइव कर घर चला गया, जहां पिता ने कथित तौर पर उसे गिरफ्तारी से बचने के लिए तुरंत दिल्ली जाने को कहा था.
ऐसे में जब उन्होंने एक लैंडरोवर को ओवरटेक किया और उन्होंने इसके परिणाम के बारे में नहीं सोचा था. कुछ मिनट बाद एसयूवी इनके साथ चलने लगी और मारुति को उसे रास्ता देने को कहा. सिल्वर कलर की इस लैंडरोवर, जिसमें तीन लोग सवार थे, से मारुति को धीमा होने की चेतावनी के साथ फायर किया गया और तेजी से आगे निकल गई. इसके बाद लैंडरोवर ने मारुति का रास्ता रोक लिया. अगले कुछ मिनटों में, छोटी कार में सवार चार लड़के, स्टूडेंट से पांचवे सवार की हत्या के गवाह में तब्दील हो गए. आगे की सीट पर सवार स्टूडेंट का नाम आदित्य सचदेवा था.
अपने पिता की कार से दोस्तों को ले जा रहे नासिर हुसैन ने कोर्ट में गवाही के दौरान बताया, 'पिस्तौल लिए शख्स ने कहा था, 'या तो तुम रुको वरना हम तुम्हें मार देंगे, उसने मुझे मारना शुरू कर दिया. उसने कहा, मेरा नाम रॉकी यादव है. पिटाई के कारण मेरी नाक से खून बह रहा था.' उसने कहा, 'डरकर मैंने गाड़ी को आगे बढ़ाना चाहा लेकिन मुझे एक गोली की आवाज सुनाई दी. हमने बचने के लिए अपना सिर नीचे झुका लिया. इस दौरान पीछे की सीट पर बैठे आयुष ने कहा कि आदित्य को गोली लगी है.'
सचदेवा के दोस्तों के अनुसार, एक स्थानीय नेता के बेटा रॉकी बाद में लैंडरोवर से भाग निकला. अगले दो दिन तक 21 साल का युवक पुलिस को चकमा देता रहा. बाद में उसे अपने पिता बिंदी यादव की फैक्टरी से 10 लाख रुपये की पिस्तौल के साथ पकड़ा गया. आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यवसायी बिंदी को पावरफुल राजनेता माना जाता है.
रॉकी यादव का वास्तविक नाम है राकेश रंजन. उसके वकीलों का कहना है कि इस बात के कोई सीधे सबूत नहीं हैं कि उसने सचदेवा की हत्या की. वकीलों के अनुसार, उसका इरादा हवा में गोली चलाने का था, किसी पर गोली चलाने का नहीं. इस सप्ताह के प्रारंभ में पटना हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद उसके शीघ्र घर पहुंचने की संभावना है. वैसे राज्य सरकार ने कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट के समक्ष यादव को जेल वापस भेजने की गुहार लगाएगी क्योंकि वह मुख्य गवाहों को 'प्रभावित' कर सकता है.
रॉकी की मां मनोरमा देवी, सत्तारूढ़ जनता दल-यूनाइटेड की प्रमुख स्थानीय नेता थीं, लेकिन पुत्र की गिरफ्तारी के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया है. आदित्य सचदेवा की मौत के समय उन्हें राज्य की ओर से सुरक्षा हासिल थी. मनोरमा ने अपने गार्डों में से एक, पुलिस कांस्टेबल राजेश कुमार को उस दिन बेटे (रॉकी) और उसके चचेरे भाई के साथ शाम को जाने को कहा था. सुरक्षा गार्ड पर आदित्य सचदेवा की हत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है. रॉकी यादव की तरह उसे भी जमानत मिल गई है. कोर्ट में उसकी गवाही अब तक नहीं हुई है. पुलिस को दिए अपने बयान में उसने कहा है कि रॉकी ने गुस्से में दो बार फायर किया.
उसने बताया, 'स्विफ्ट में तेज आवाज में म्यूजिक बज रहा था. हमें ओवरटेक करने के बाद, सवारों ने हमारा मजाक बनाना शुरु कर दिया. रॉकी को इससे गुस्सा आ गया और उसने और तेज ड्राइव करना शुरू कर दिया. उसने आगे निकलने की कोशिश की, लेकिन स्विफ्ट वाले ने सहयोग नहीं किया...बेहद गुस्से में आए रॉकी ने अपनी पिस्तौल निकाली और हवा में फायर किया. स्विफ्ट ड्राइवर ने एक मंदिर के नजदीक कार रोकी और हम सब एसयूवी से बाहर निकल आए.'
गार्ड ने बताया , 'रॉकी बाबू ने स्विफ्ट में सवार लोगों को पीटना शुरू कर दिया. उसने कहा, 'क्या तुम नहीं जानते मैं बिंदी यादव का बेटा हूं? स्विफ्ट ड्राइवर के बेटे ने गाड़ी बढ़ाने की कोशिश की लेकिन रॉकी उसे कार से बाहर खींचने का प्रयास कर रहा था और ड्राइवर का संतुलन बिगड़ गया. इसी समय रॉकी ने फायर किया और गोली पीछे के विंडशील्ड में लगी., बॉडी गार्ड ने बताया कि वहां से रॉकी एसयूवी ड्राइव कर घर चला गया, जहां पिता ने कथित तौर पर उसे गिरफ्तारी से बचने के लिए तुरंत दिल्ली जाने को कहा था.
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