राजनीति से जुड़ने के सवाल पर रॉबर्ट वाड्रा ने सीधा जवाब नहीं दिया।
नई दिल्ली:
कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने कहा है कि मुझे कितना ही अपमानित क्यों न किया जाए, मैं यह देश कभी नहीं छोड़ूंगा। अक्सर चर्चा में रहने वाले रॉबर्ट ने यह भी कहा, 'अपनी जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए मुझे अपनी पत्नी प्रियंका की जरूरत नहीं है। मुझे लगता है कि मेरे पास पर्याप्त है। मेरे माता-पिता ने मुझे काफी कुछ दिया है।
समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए रॉबर्ट ने इस सवाल के जवाब में यह बात कही जो उनसे अक्सर किया जाता रहा है। सवाल उनके सियासत से जुड़ने के बारे में हैं और रॉबर्ट का सपाट जवाब था-'कभी न नहीं कहना चाहिए'। गौरतलब है कि रॉबर्ट का प्रियंका से वर्ष 1997 में विवाह हुआ था और उनके दो बच्चे हैं।
'मैंने कभी नहीं सोचा कि जिंदगी में क्या करूंगा'
रॉबर्ट इससे पहले अपनी सास सोनिया और साले राहुल गांधी के उत्तरप्रदेश के स्थित संसदीय क्षेत्र में प्रचार कर चुके हैं, लेकिन भाषण से अब तक उन्होंने परहेज किया है। यह पूछे जाने पर कि क्या वे सियासत में और सक्रिय भूमिका निभाना चाहते हैं, उन्होंने कहा, 'मैंने कभी इस बारे में नहीं सोचा कि मैं जिंदगी में क्या करूंगा।' 2014 के आम चुनावों के दौरान हरियाणा में लैंड डील को लेकर बीजेपी की ओर से निशाना बनाए जाने के बावजूद रॉबर्ट ने चुप्पी ही साधे रखीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य में अपनी चुनावी रैलियों के दौरान 'दामादश्री' शब्द का बार-बार जिक्र किया।
रॉबर्ट बोले, कितना भी अपमानित क्यों न होना पड़े, देश नहीं छोड़ूंगा
रॉबर्ट ने कहा, 'मैं यहां पैदा और पला-बढ़ा हूं। मुझे पर कितना ही दबाव आए, मुझे कितना भी अपमानित क्यों न होना पड़े, मैं यह देश नहीं छोड़ूंगा। मुझे परवाह नहीं कि सरकार क्या कहती है, मुझमें दबाव को झेलने और अपने वजूद को कायम करने की क्षमता है। मेरे पास एक मजबूत और अच्छा परिवार है। मेरा परिवार ही मेरी ताकत है।' हरियाणा में सत्ता में आने के बाद वहां की बीजेपी सरकार ने रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी सहित विभिन्न लैंड डील की जांच के लिए जांच समिति का गठन किया है। पिछले कुछ वर्षों से रॉबर्ट ने अपने फेसबुक पेज के जरिये अपने ऊपर किए जा रहे 'हमलों' का जवाब दिया है। मीडिया के जरिये भी उन्होंने अपनी बात रखी है। रॉबर्ट ने कहा, 'राजनीति से मैं उसी हालत में जुड़ना चाहूंगा जब मैं इसके जरिये बदलाव ला सकूं।'
समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए रॉबर्ट ने इस सवाल के जवाब में यह बात कही जो उनसे अक्सर किया जाता रहा है। सवाल उनके सियासत से जुड़ने के बारे में हैं और रॉबर्ट का सपाट जवाब था-'कभी न नहीं कहना चाहिए'। गौरतलब है कि रॉबर्ट का प्रियंका से वर्ष 1997 में विवाह हुआ था और उनके दो बच्चे हैं।
'मैंने कभी नहीं सोचा कि जिंदगी में क्या करूंगा'
रॉबर्ट इससे पहले अपनी सास सोनिया और साले राहुल गांधी के उत्तरप्रदेश के स्थित संसदीय क्षेत्र में प्रचार कर चुके हैं, लेकिन भाषण से अब तक उन्होंने परहेज किया है। यह पूछे जाने पर कि क्या वे सियासत में और सक्रिय भूमिका निभाना चाहते हैं, उन्होंने कहा, 'मैंने कभी इस बारे में नहीं सोचा कि मैं जिंदगी में क्या करूंगा।' 2014 के आम चुनावों के दौरान हरियाणा में लैंड डील को लेकर बीजेपी की ओर से निशाना बनाए जाने के बावजूद रॉबर्ट ने चुप्पी ही साधे रखीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य में अपनी चुनावी रैलियों के दौरान 'दामादश्री' शब्द का बार-बार जिक्र किया।
रॉबर्ट बोले, कितना भी अपमानित क्यों न होना पड़े, देश नहीं छोड़ूंगा
रॉबर्ट ने कहा, 'मैं यहां पैदा और पला-बढ़ा हूं। मुझे पर कितना ही दबाव आए, मुझे कितना भी अपमानित क्यों न होना पड़े, मैं यह देश नहीं छोड़ूंगा। मुझे परवाह नहीं कि सरकार क्या कहती है, मुझमें दबाव को झेलने और अपने वजूद को कायम करने की क्षमता है। मेरे पास एक मजबूत और अच्छा परिवार है। मेरा परिवार ही मेरी ताकत है।' हरियाणा में सत्ता में आने के बाद वहां की बीजेपी सरकार ने रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी सहित विभिन्न लैंड डील की जांच के लिए जांच समिति का गठन किया है। पिछले कुछ वर्षों से रॉबर्ट ने अपने फेसबुक पेज के जरिये अपने ऊपर किए जा रहे 'हमलों' का जवाब दिया है। मीडिया के जरिये भी उन्होंने अपनी बात रखी है। रॉबर्ट ने कहा, 'राजनीति से मैं उसी हालत में जुड़ना चाहूंगा जब मैं इसके जरिये बदलाव ला सकूं।'
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