शिवसेना के उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे धड़ों ने सोमवार को निर्वाचन आयोग के समक्ष अंतिम दस्तावेज़ प्रस्तुत किए. दोनों ही गुटों ने पार्टी संगठन और चुनाव चिह्न पर अपना-अपना दावा जताया.ये दस्तावेज़ उनके संबंधित वकीलों के माध्यम से सोमवार को दायर किए गए, जो कागजात पेश करने का आखिरी दिन था.
लोकसभा में शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता राहुल शेवाले ने कहा, “हम उम्मीद कर रहे हैं कि निर्वाचन आयोग जल्द फैसला लेगा.” 20 जनवरी को प्रतिद्वंद्वी गुटों ने आयोग के समक्ष अपनी दलीलें पूरी कर ली थीं. दोनों पक्षों ने अपने दावे का समर्थन करने के लिए पिछले कुछ महीनों में आयोग को हजारों दस्तावेज जमा किए हैं और तीन मौकों पर आयोग के समक्ष अपने संबंधित मामलों पर बहस की है.
शिंदे ने ठाकरे के नेतृत्व के खिलाफ पिछले साल जून में बगावत कर दी थी और दावा किया था कि उनके पास शिवसेना के 56 में से 40 विधायकों और उसके 18 लोकसभा सदस्यों में से 13 का समर्थन है. विद्रोह के बाद महाराष्ट्र में ठाकरे की अगुवाई वाली सरकार गिर गई थी और शिंदे भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से राज्य के मुख्यमंत्री बन गए थे.
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