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This Article is From Oct 10, 2020

रेटिंग स्कैम मामले में Republic टीवी के CFO आज मुंबई पुलिस के सामने होंगे पेश

टीवी रेटिंग में हेराफेरी मामले में मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने रिपब्ल‍िक टीवी (Republic TV) के सीएफओ को आज पूछताछ के लिए बुलाया है.

रेटिंग स्कैम मामले में Republic टीवी के CFO आज मुंबई पुलिस के सामने होंगे पेश
पुलिस ने रिपब्ल‍िक टीवी (Republic TV) के सीएफओ को पेश होने के लिए समन भेजा था
मुंबई:

टीवी रेटिंग में हेराफेरी मामले में मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने रिपब्ल‍िक टीवी (Republic TV) के सीएफओ को आज पूछताछ के लिए बुलाया है. पुलिस ने रिपब्ल‍िक टीवी (Republic TV) के सीएफओ को पेश होने के लिए समन भेजा है.  मुंबई पुलिस ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस का इस मामले का खुलासा किया था और इसमें तनी चैनलों के ख‍िलाफ श‍िकायत मिलने की बात कही थी जिसमें रिपब्ल‍िक टीवी का नाम भी शामिल था. अध‍िकारियों ने बताया कि इस बात की जांच की जा रही है कि चैनल ने अपनी रेटिंग बढ़ाने के लिए दर्शकों को पैसे दिए ताकि उसे विज्ञापन से ज्यादा आय हो सके. 

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बता दें कि मुंबई के पुलिस कमिश्नर ने खुद गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस का इस रैकेट में तीन चैनलों पर शामिल होने के आरोप लगाये थे जिसमें सबसे बड़ा नाम रिपब्लिक टीवी का है. मुंबई पुलिस आयुक्त ने दावा किया था कि दो छोटे चैनलों फक्त मराठी और बॉक्स सिनेमा के मालिकों को गिरफ्तार कर लिया गया है और रिपब्लिक टीवी की जांच चल रही है. पुलिस के मुताबिक फर्जी इस रैकेट की सूचना मिलने पर सबसे पहले विशाल भंडारी नामका शख्स पकड़ में आया. विशाल टीआरपी एजेंसी BARC के लिये काम करने वाली एजेंसी हंसा का कर्मचारी रह चुका है और उसे कहां कहां बैरोमीटर लगे हैं ये पता था. दूसरे आरोपी संजू राव के साथ मिलकर उसने फर्जी रेटिंग का खेल शुरू किया. जिस घर मे बैरोमीटर लगा था वहां जाकर उन्हें रिपब्लिक टीवी और बाकी के दो चैनल देखने के लिए महीने का 400 रुपया देने का लालच दिया. 

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पुलिस मामले में अब तक कुल 4 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. बार्क और हंसा एजेंसी के साथ कुछ घरवालों के भी बयान लिए गये हैं जिन्हें रिपब्लिक और दूसरे आरोपी चैनलों को देखने का प्रलोभन दिया गया था. इस बीच रिपब्लिक टीवी ने बयान जारी कर मुम्बई पुलिस आयुक्त पर बदले की भावना से झूठा केस बनाने का आरोप लगाया.

पुलिस का दावा है कि मामले में वो रिपब्लिक चैनल के प्रमोटर औऱ डायरेक्टर की भूमिका की जांच तो कर ही रही है. साथ ही उस चैनल को मिले विज्ञापनों की भी जांच होगी क्योंकि फर्जी रेटिंग के बल पर मिला विज्ञापन अपराध का हिस्सा माना जायेगा. इसलिए चैनल के बैंक अकाउंट की भी जांच होगी. पुलिस ने मामले में फर्जीवाड़ा और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है.

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