सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
ताज महल होटल की नीलामी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने के आदेश दिए हैं. फिलहाल नीलामी नहीं होगी. कोर्ट के आदेश से टाटा ग्रुप की इंडियन होटल कंपनी को राहत मिली है.
कोर्ट ने NDMC की मांग को दरकिनार कर दिया जिसमें उन्होंने 31 मार्च के बाद होटल में कंपनी कोई बुकिंग न ले कहा था. कोर्ट ने कहा कि चलते हुए बिजनेस पर रोक नहीं लगा सकते. कोर्ट जनवरी के दूसरे हफ्ते में इस पर सुनवाई करेगा.
नई दिल्ली के पॉश मानसिंह रोड पर बने ताज होटल की नीलामी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट में टाटा ग्रुप की इंडियन होटल्स कंपनी (IHCL) ने इस नीलामी के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसे 27 अक्तूबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था और न्यू दिल्ली म्यूनिसिपल कोरपोरेशन NDMC को होटल की नीलामी करने को हरी झंडी दे दी थी. कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है. टाटा ग्रुप की IHCL ही ताज मानसिंह होटल चलाती है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने यह आदेश भी दिया था कि कंपनी को लाइसेंस में एक्सटेंशन पाने का कोई अधिकार नहीं है बल्कि ये अधिकार NDMC के पास है. दरअसल, एनडीएमसी के स्वामित्व वाली इस संपत्ति को 1976 में आईएचसीएल को 33 साल के पट्टे पर दिया गया था और एग्रीमेंट के तहत 11 मंजिला होटल तैयार कर चलाया जा रहा था. यह पट्टा 2011 में समाप्त हो गया. इसके बाद विभिन्न आधार पर कंपनी को इसका नौ बार अस्थायी विस्तार दिया गया. इसमें से तीन विस्तार तो अकेले पिछले साल दिए गए. एनडीएमसी ने इस साल जनवरी में कहा था कि वह होटल की नीलामी के लिए संपत्तियों का आकलन कर रही है. इस संपत्ति की नीलामी में पहले ही काफी देरी हो चुकी है.
कोर्ट ने NDMC की मांग को दरकिनार कर दिया जिसमें उन्होंने 31 मार्च के बाद होटल में कंपनी कोई बुकिंग न ले कहा था. कोर्ट ने कहा कि चलते हुए बिजनेस पर रोक नहीं लगा सकते. कोर्ट जनवरी के दूसरे हफ्ते में इस पर सुनवाई करेगा.
नई दिल्ली के पॉश मानसिंह रोड पर बने ताज होटल की नीलामी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट में टाटा ग्रुप की इंडियन होटल्स कंपनी (IHCL) ने इस नीलामी के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसे 27 अक्तूबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था और न्यू दिल्ली म्यूनिसिपल कोरपोरेशन NDMC को होटल की नीलामी करने को हरी झंडी दे दी थी. कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है. टाटा ग्रुप की IHCL ही ताज मानसिंह होटल चलाती है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने यह आदेश भी दिया था कि कंपनी को लाइसेंस में एक्सटेंशन पाने का कोई अधिकार नहीं है बल्कि ये अधिकार NDMC के पास है. दरअसल, एनडीएमसी के स्वामित्व वाली इस संपत्ति को 1976 में आईएचसीएल को 33 साल के पट्टे पर दिया गया था और एग्रीमेंट के तहत 11 मंजिला होटल तैयार कर चलाया जा रहा था. यह पट्टा 2011 में समाप्त हो गया. इसके बाद विभिन्न आधार पर कंपनी को इसका नौ बार अस्थायी विस्तार दिया गया. इसमें से तीन विस्तार तो अकेले पिछले साल दिए गए. एनडीएमसी ने इस साल जनवरी में कहा था कि वह होटल की नीलामी के लिए संपत्तियों का आकलन कर रही है. इस संपत्ति की नीलामी में पहले ही काफी देरी हो चुकी है.
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